
CHAPRA (ARUN KUMAR) : छपरा में श’हीद हुए दो पुलिसकर्मियों की ह’त्या की तफ्ती’श के दौरान इसके तार यूपी की जेल से जुड़ते नज़र आ रहे हैं. कहा जा रहा है की दो गिरोह के मुखिया के बीच चल रहे खू’नी ट’सल के बीच मुग़ा’लते में दो नि’र्दोष व जांबाज पुलिसकर्मियों की ह’त्या कर दी गयी

फिलहाल पुलिस टीम ने घटना में इस्तेमाल की गयी रिवॉ’ल्वर और स्कार्पियो गाड़ी को बरा’मद कर लिया है जिसकी फो’रेंसिक जां’च चल रही है. वाहन पर गो’लियों के निशान भी पाए गए हैं. छपरा एसपी हरिकिशोर राय ने कहा हैं की संभवतः मु’ठभेड़ का रूप देने के लिए अपरा’धियों द्वारा गो’लियों के निशान स्वयं बनाये गए हैं. वहीं घट’नास्थल से बरा’मद रिवॉ’ल्वर का क्रम संख्या आदि के मिलान करने पर पता चला है की लाइसेंस जिप अध्यक्षा मीना अरुण के नाम निर्गत है जिसमें 5 गो’लियां पाई गई हैं.

बैलि’स्टिक जांच के दौरान एक फा’यर होने के प्रमाण मिले हैं. घटना स्थल से बरा’मद रिवा’ल्वर के आधार पर ही पुलिस इस घटना में शामिल अपरा’धियों तक पहुंच सकी है. जिसके बाद इसका काफी हद तक उद’भेदन हुआ है. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 10 वर्ष पूर्व जिला परिषद अध्यक्षा के नाम निर्गत लाइसेंसी रिवा’ल्वर का प्रयोग अरुण सिंह का भतीजा सुबोध सिंह ही करता था.

छपरा ह’त्याकंड मामले में एसआईटी के दारोगा सब इंस्पेक्टर विकास कुमार सिंह के बयान के आधार पर प्राथ’मिकी दर्ज की गयी है जिसमें छपरा जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरुण समेत सात लोगों को अभि’युक्त बनाया गया है. इसमें जिप अध्यक्ष के अलावा उनके पति अरुण सिंह, मढ़ौरा के अभिषेक सिंह, अवारी निवासी सुबोध सिंह, तरैया गलिमापुर निवासी रोहित सिंह, मढ़ौरा नवादा के राजू सिंह और इसुआपुर के चनचौरा निवासी पवन सिंह और कई अज्ञात को आ’रोपित बनाया गया है.

इस कहानी की शुरुआत होती है सारण के मढौरा स्थित सलीमापुर गांव से. सलीमापुर निवासी अरुण सिंह और मुन्ना ठाकुर, दोनों कभी जिगरी दोस्त हुआ करते थे और दोनों ने एक साथ अप’राध की दुनिया में कदम रखा था. धीरे धीरे दोनों ने अंड’रवर्ल्ड की दुनिया में अपना खासा नाम कमाया. सारण के कई थानों में इन दोनों के खिलाफ ह’त्या, लू’ट, डकै’ती, अपह’रण, रंग’दारी के कई मामले द’र्ज हैं. अप’राध की दुनिया में उनके बढ़ते नाम को देखते हुए उन्हें राजनीतिक संर’क्षण प्राप्त होने लगा.

धीरे धीरे अरुण सिंह ने अपना कदम राजनीती की ओर बढ़ाया और अंड’रवर्ल्ड में का’बिज अपने दब’दबे से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर पहले मुखिया बना फिर ऊँची पहुँच-पै’रवी और राजनीतिक रसू’ख के कारण उसने अपनी पत्नी मीना अरुण को जिला परिषद का अध्यक्ष बनवा दिया. अपने बढ़ते क’द की बदौलत अरुण सिंह ने राजनीती में धीरे धीरे अपनी गहरी पैठ बना ली, पर मुन्ना ठाकुर को राजनीती रा’स नहीं आयी सो राजनीती में मुन्ना ठाकुर ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका. सत्ता की हन’क ने अरुण सिंह और मुन्ना ठाकुर के बीच फास’ले पैदा कर दिए. नतीजा धीरे धीरे दोनों के बीच ख’टास बढ़ती चली गयी और दोनों एक दूसरे के खू’न के प्यासे बन बैठे.

कु’ख्यात अप’राधी अरुण सिंह राजनीतिक संर’क्षण प्राप्त होने के बाद अंडरव’र्ल्ड की ध’मक की मदद से अब ठेकेदार अरुण सिंह बन गया. इधर किसी एक आप’राधिक मामले में मुन्ना ठाकुर को जे’ल हो गयी. इस बीच 2017 में मुन्ना ठाकुर के भाई लालू ठाकुर और उसके एक सहयोगी बनियापुर थाना क्षेत्र के नरहरपुर गाँव निवासी लाल मोहन की किसी ने यूपी के बलिया जिलान्तर्गत रेवती गाँव में गो’ली मार कर ह’त्या कर दी. यूपी की पुलिस ने दोनों के श’व को रेवती गाँव के एक कुएँ से बरा’मद किया था.

दोनों की ह’त्या करने का आ’रोप लगता है सलीमापुर के कु’ख्यात अरुण सिंह पर. दोनों के बीच दुश्म’नी की खा’ई और गह’री हो जाती है. दोहरे ह’त्याकां’ड मामले में अरुण सिंह को आ’रोपित करते हुए उसके खि’लाफ मुक’दमा होता है. यूपी पुलिस अरुण सिंह के ठि’कानों पर छा’पेमारी करती है. अंततः अरुण सिंह के आत्मस’मर्पण के बाद न्या’यिक हि’रासत में लेकर उसे यूपी पुलिस जे’ल भेज देती है. पिछले लगभग एक वर्षों से अरुण ठाकुर यूपी के बलिया की जे’ल में क़ैद है, वहीं मुन्ना ठाकुर सारण के छपरा की जे’ल में बंद है.

अंडरव’र्ल्ड सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पूर्व यूपी के बलिया जे’ल में बंद अरुण सिंह को खबर मिली की 20 अगस्त को मुन्ना ठाकुर पे’रोल पर रि’हा होकर अपने घर आने वाला है. उसे यह भी खबर मिली थी की जे’ल से निकलते ही मुन्ना ठाकुर अपने भाई लालू ठाकुर की ह’त्या का बद’ला लेने के उद्देश्य से अरुण सिंह के गुर्गों के साथ खू’न की होली खेलेगा. अरुण सिंह ने जे’ल में रहते हुए ही मुन्ना ठाकुर का काम तमा’म करने का षड़’यंत्र र’च डाला. उसने अपनी पत्नी जिप अध्यक्ष मीना अरुण और अपने भतीजे सुबोध सिंह को 20 अगस्त की सारी तैयारी करने के और योज’नानुसार कार्य को अं’जाम देने के दिशा निर्देश दे दिए.

जानकारों की मानें तो तय पूर्व योजनानुसार सभी आ’रोपित 20 अगस्त को मढ़ौरा बाजार में सलीमापुर की ओर जाने वाले रास्ते व इधर उधर मुन्ना ठाकुर के इंतज़ार में खड़े हो गए. दूर से आ रही एसआईटी की प्राइवेट बोलेरो को घात लगाए अप’राधियों ने मुन्ना ठाकुर और उसके गैं’ग के लोग होने का अनुमान लगा बैठे और एसआईटी के निजी बोलेरो के सामने स्कार्पियो लगा कर सामने से गो’लीबा’री चालू कर दी. एसआईटी टीम में एसआईटी प्रभारी पुअनि मिथिलेश कुमार साह के अलावा पुअनि विकास कुमार सिंह, सिपाही रजनीश कुमार, सिपाही जीतेन्द्र कुमार, सिपाही फारुक अहमद और सिपाही रजत कुमार थे. जिसमें एसआईटी प्रभारी मिथिलेश कुमार साह और सिपाही फारूक अहमद की मौके पर ही मौ:त हो गई, वहीं सिपाही रजनीश कुमार गंभीर रूप से घा:यल हो गया. बाकी सभी आंशिक रूप से घा’यल हुए थे.

एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया की 20 अगस्त की संध्या 6:30 बजे के लगभग एसआईटी की टीम जैसे ही मढ़ौरा मुख्य बाजार की ओर आयी सामने से उजली स्कार्पियो में सवार अप’राधियों ने एसआईटी की बोलेरो पर ताब’ड़तोड़ फाय’रिंग शुरू कर दी. उसने बताया की पुलिस-अप’राधी मु’ठभेड़ जैसी कोई बात नहीं हुई थी, क्योंकि पुलिस की ओर से कोई जवा’बी का’र्रवाई नहीं हुई थी. बोलेरो में बैठे पुलिसकर्मी जब तक संभल पाते, उनपर सामने से ताब’ड़तोड़ फाय’रिंग शुरू कर दी गयी. लगभग 30 रा’उंड गो’लियां चलाने के बाद सभी आ’रोपी पुलिस की एक एके 47 राइफल और दो पिस्टल लूट लिए और हथि’यार लहराते भाग निकले. भा’गने से पूर्व अप’राधियों ने चिल्लाते हुए कहा था की मुन्ना ठाकुर मा’रा गया.

जानकारी के अनुसार घटना स्थल पर सुबोध सिंह द्वारा हत्याकांड में मुख्य भूमि’का निभाने के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं, घटना से पहले सुबोध सिंह व अन्य आ’रोपितों को घटना से पूर्व घट’नास्थल के आसपास मंड’राते कई लोगों ने देखा था. पुलिस जां’च में पता चला है कि बरा’मद स्कॉपियो भी सुबोध सिंह के द्वारा हीं इस्ते’माल की जाती थी जो अरुण सिंह का भतीजा बताया जाता है. पुलिस जां’च में यह बात भी प्रकाश में आयी है की जिप अध्यक्षा मीना अरुण का निजी अंगरक्षक रोहित कुमार सिंह भी आप’राधिक प्रवृ’त्ति का है और सारण के रसूलपुर में हुए एक डकै’ती कांड में शामिल रहा है.

