बिहार में लगातार बढ़ रही आ’पराधिक वार’दातों (Crime in Bihar) के बीच बिहार पुलिस नई शुरुआत करने जा रही है. प्रदेश के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (DGP Gupteshwar Pandey) ने मोस्ट वांटेड अप’राधियों (Most Wanted Criminals) पर स’ख्ती करने और उनके खि’लाफ कुर्की-जब्ती की कार्र’वाई के साथ लगातार अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही गांव-गांव में छिपे अप’राधियों का डाटा तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं.

छपरा (Chhapra) में पुलिस दस्ते पर अप’राधियों के ह’मले में दारोगा और कांस्टेबल की मौ’त के 48 घंटे बाद बिहार पुलिस के मुखिया ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी आईजी, डीआईजी, एसएसपी और एसपी के साथ मीटिंग में ये निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने अपने निर्देश में हर थाने को गांव के अप’राधियों का डाटा बनवाने का निर्देश देते हुए बताया कि इसमें नाम, पता, फोटो और अप’राध की जानकारी हो.
उन्होंने यह भी बताया कि हर थाना स्तर पर अप’राधियों के एलबम बनाए जाएं और आनेवाले दिनों में इसे सीसीटीएनएस पर भी डाला जाए. ताकि भविष्य में अ’पराध होने पर अप’राधियों की पहचान हो सके. ऐसा करने से जमानत पर बाहर निकले अप’राधियों की भी निगरानी रखी जा सकेगी.

पुलिस रिकॉर्ड में होंगे सभी अप’राधी
बताया जा रहा है कि आठ तरह के अप’राध में शामिल ब’दमाशों को इस डाटा में रखा जाएगा. इसमें चो’री, गृह भे’दन, लू’ट, ड’कैती, श’राबी, शरा’ब का धंधेबाज, पेशेवर ह’त्यारा और फि’रौती के लिए अपहरण में शामिल होगा. इसमें यह भी बताया गया है कि यदि किसी का अबतक आ’पराधिक इतिहास पुलिस के पास नहीं है पर वह क्रा’इम कर रहा तो उसे पुलिस रिकार्ड में लाया जाएगा. यानि इस तरह के किसी भी मा’मले में जिसका नाम शामिल होगा उसका थानावार डाटा तैयार होगा.
