
उन्होंने राइफल योगापट्टी थाने में जमा करवा दी है। अब तक की छानबीन में पता चला है कि राइफल का लाइसेंस विधायक की पत्नी व पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष चंचला बिहारी के नाम से है। राइफल से फायरिंग हुई है या नहीं, इसकी जांच पुलिस के आर्मर (तकनीकी विशेषज्ञ) करेंगे।

इधर, बीजेपी विधायक ने बताया कि कंस वध मेले का आयोजन पुराने जमाने से होता आ रहा है। इस मौके पर शस्त्र की पूजा भी होती है। इसी परंपरा के तहत उन्होंने फायरिंग की है। लेकिन, विरोधियों साजिश के तहत इसका वीडियो बनाकर मामले को दूसरा मोड़ दे दिया। विरोधी उनको बदनाम करना चाहते हैं। राइफल उनकी पत्नी के नाम पर है और वे इसके केयरटेकर हैं। उन्हें पुलिस पर विश्वास है कि जांच सही तरीके से होगी।