बेतिया से लौटने के दौ’रान फल व्यवसायी की कार लू’टने के बाद ब’दमाशों ने उसके हाथ-पैर बांध दिए और उसे पुल से गंडक नदी में फें’क दिया। नदी में फें’कने के पहले उसकी आंखों पर पट्टी भी बांध दी गई थी। रात भर गंडक की तेज धारा में डू’बते-उत’राते और बहते वह बचने की कोशिश करता रहा। गुरुवार को सोनपुर के बैजलपुर में नदी तट पर खड़े कुछ युवाओं की नजर उस पर पड़ी। उसे बचाने के लिए तुरंत नाव का इंतजाम किया गया और उसे नया गंडक पुल के समीप निकाल लिया गया। लगभग 13 घंटे तक हाथ-पैर बंधे होने के बाद उ’फनाती नदी से जिं’दा बच जाना किसी चम’त्कार से कम नहीं।
युवाओं ने उसे सोनपुर के रेफरल अस्पताल में भ’र्ती कराया। हो’श में आते ही मुजफ्फरपुर जिले के पारू थाना क्षेत्र के कुबौली निवासी भोला पासवान के पुत्र व फल व्यवसायी रमेश पासवान ने अस्पताल में पूरी घ’टना की जानकारी दी। रमेश पासवान ने बताया कि बिहारशरीफ का मो. मुस्तकीम उसका पार्टनर है। बुधवार को पटना से रमेश ने मुस्तकीम को फोन किया कि बेतिया के फल कारोबारी मो. मुश्ताक के यहां बकाया लेने के लिए चलना है। उधर से उसने रमेश को सरैया के मणिपुर में बुलाया।मणिपुर से दोनों साथ ही बेतिया गए। कार मुस्तकीम ही चला रहा था। इस बीच वह लगातार फोन से बात किए जा रहा था। इस पर रमेश ने उसे टोका भी।
बेतिया पहुंचते ही पता चला कि जिसके यहां रुपये बकाया है, वह बेतिया से बाहर गया है। वे दोनों लौट रहे थे। इसी दौ’रान बेतिया से कुछ आगे बढ़ते ही कार से पीछा कर रहे बद’माशों ने ओवरटेक कर इन दोनों को घे’र लिया और पहले कार चला रहे मुस्तकीम के हाथ बांध दिए। उसके बाद रमेश को कब्जे में ले लिया और आधे घंटे के बाद एक दुकान से नारियल की रस्सी खरीदकर उसके हाथ-पैर बांध दिए। बाद में आंख पर भी पट्टी बांध दी और एक स्थान पर रुक कर गंडक में फें’क दिया।



