उनकी एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देख कर डॉक्टर भी चकित रह गए।बेरियाट्रिक लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. शशिकांत दीक्षित ने कहा, “उनके पित्ताशय में हमें पथरी मिली थी। लेकिन अगर पित्ताशय बाईं ओर स्थित रहता है तो पत्थरों को बाहर निकालना काफी कठिन होता है। हमें उनकी स’र्जरी करने के लिए तीन डायमेंशनल लेप्रोस्कोपिक मशीनों की सहायता लेनी पड़ी।”
सर्जरी के बाद जमालुद्दीन का स्वास्थ्य अब सुधर रहा है।डॉ. दीक्षित ने कहा कि उन्होंने पहला ऐसा मामला देखा है, जिसमें किसी के शरीर के सारे अंग गलत ओर स्थित हैं। ऐसा मा’मला साल 1643 में देखने को मिला था। ऐसे मा’मलों में लोगों का इ’लाज करना मु’श्किल हो जाता है, वो भी तब, जब उन्हें स’र्जरी की आवश्यकता होती है।




