#RANCHI #JHARKHAND #INDIA : दिवाली से पहले सिविल कोर्ट रांची को नई विश्वस्तरीय 40 अदालतों का तोहफा मिलने जा रहा है। सिविल कोर्ट परिसर में जी प्लस फाइव बिल्डिंग का निर्माण अंतिम चरण में है। पूरे भवन का क्षेत्र 1,60,000 वर्ग मीटर है।

नई इमारत में 40 अदालत के कमरे के साथ-साथ एक न्याय सदन, एक परिवार न्यायालय और एक सम्मेलन हॉल रहेगा। इसके अलावा बेसमेंट में एक साथ 46 कारें और लगभग 200 बाइक पार्किंग की व्यवस्था होगी। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल आर दवे ने 23 जनवरी 2016 को नई इमारत की आधारशिला रखते हुए कहा था कि आनेवाले दिनों में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाकर 78 तक की जा सकती है। अधिक न्यायिक पदाधिकारियों को शामिल करने से निष्पादन दर में तेजी आएगी। लंबित मामलों की संख्या में कमी आएगी। वर्तमान में 42 अदालतें बैठ रही हैं। जानकारी के अनुसार नई इमारत का उद्घाटन 19 अक्तूबर को संभावित है। उद्घाटन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एचसी मिश्रा एवं मुख्यमंत्री रघुवर दास संयुक्त रूप से करेंगे।

16 कोर्ट वीसी युक्त
नई इमारत के 16 कोर्ट रूम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) की व्यवस्था की गई है, जो पूरी तरह से एसी युक्त रहेंगे। यहां जेल में बंद कैदियों की पेशी वीसी के माध्यम से हो सकेगी। बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा होटवार में भी नया वीसी लगाया जाएगा।
सुविधा सभी के लिए
नई इमारत में जहां 16 कोर्ट रूम एसी युक्त रहेंगे, वहीं मुवक्किलों को बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। अभी मुवक्किल कोर्ट के बरामदे में बैठकर या खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। महिलाओं के लिए अलग कमरा रहेगा। लिफ्ट की बेहतर सुविधा लोगों को मिलेगी। नए भवन को मुख्य भवन की पहली मंजिल से भी जोड़ दिया गया है।
सिविल कोर्ट रांची में कब-क्या निर्माण हुआ
सिविल कोर्ट के मुख्य भवन का निर्माण 1952 में किया गया था। उसके बाद वर्ष 1985 में 10 मजिस्ट्रेट कोर्ट भवन, 2001 में सीबीआई कोर्ट भवन एवं 2002 में फास्ट ट्रैक कोर्ट भवन का निर्माण हुआ। अन्य सुविधाओं के अलावा 2005 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग स्टूडियो एवं 2013 में ई-कोर्ट खोला गया, जहां जेल से कैदियों की पेशी हो रही है। हालांकि जिला न्यायालय 1861 में स्थापित किया गया था।