#PATNA #BIHAR #INDIA : अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर शुक्रवार को छात्राओं ने खुलकर अपनी बात रखी। एक तरफ शासन-प्रशासन की खामियों को सामने रखा तो दूसरी ओर लड़कियों के साथ परिवार और समाज में होने वाले भेदभा’व पर बेबाकी से विचार रखे। पंचायती राज विभाग के निदेशक चंद्रशेखर सिंह ने स्वयं सारण की 12वीं की छात्रा कविता को एक दिन के लिए अपनी कुर्सी पर बैठाया।

निदेशक का पद संभालने के बाद कविता ने स्कूलों में दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को प्रमुखता से रखा। कहा कि स्कूल जाने के रास्ते बेहतर बनने चाहिए। स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय हो। उसकी नियमित सफाई की जाए। कहा कि शिक्षिकाएं शौचालय में ताला लगा देती हैं और हमलोगों को उसका इस्तेमाल करने नहीं देतीं। बाल-विवाह बड़ी समस्या है। इस पर रोक लगनी चाहिए। कहा, हमलोग मुखिया, सरपंच, प्रखंड प्रमुख आदि से बाल-विवाह की शिकायत करते हैं लेकिन वे इसे रोकने की कोई कोशिश नहीं करते। वैशाली की छात्रा नेहा ने कहा कि परिवार और समाज में हमलोगों के साथ भेदभाव किया जाता है। लड़की हर वह काम कर सकती है जो लड़के कर रहे हैं। लड़कियों के प्रति समाज और परिवार की सोच बदलने की जरूरत है। सोच बदल गई तो पूरा विश्व बदल जाएगा। घर का सारा काम करने के बाद लड़कियां स्कूल भी जाती हैं। उन्हें पढ़ने के लिए कम समय मिलता है, फिर भी लड़कों से वह बेहतर कर रही हैं। सारण मकेर की अंजली शर्मा ने भी अपनी बात रखी। मौके पर विभाग की विनिता, कल्पना और आशुतोष कुमार सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं।

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के दिन बिहार की तीन लड़कियों ने सांकेतिक रूप से दिल्ली में तीन देशों के राजदूत का पद संभाला। आज के दिन लड़कियों को कई प्रमुख पदों बैठाया गया और उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिला। मुजफ्फरपुर की मिक्की और मनीषा ने क्रमश: स्लोवेनिया और नार्वे तथा सारण की निक्की ने मैक्सिको के राजदूत की कुर्सी संभाली। समस्तीपुर की आरती ने एक बीमा कंपनी के सीईओ का पद संभाला। प्लान इंडिया संस्था की पहल पर इसकी व्यवस्था की गई थी। संस्था के राज्य प्रबंधक अभिजीत ने कहा कि सारण, समस्तीपुर, जमुई, वैशाली और मुजफ्फरपुर में प्रमुख पदों पर लड़कियों को बैठाया गया था। इसके पहले 39 ग्राम पंचायतों में मुखिया और सरपंच की भूमिका छात्राओं ने निभाई।

Source : live hindustan