#BREAKING; इस धनतेरस खरीदना चाहते हैं गोल्ड, पत्नी को गिफ्ट करना चाहते है सोने का हार तो इन बातों को जानें..

दिवाली से पहले धनतेरस के त्यौहार में कुछ नया खरीदने की परंपरा रही है। इसमें धातु खरीदने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर पीली रंग के धातु खरीदने से घर में समृद्धि आती है। हालांकि, गोल्ड की कीमत इस समय अपने सर्वकालिक स्तर पर चल रही है। यदि आप भी धनतेरस के अवसर पर गोल्ड खरीदने की योजना बना रहे हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें।गोल्ड की शुद्धता कैरेट में मापी जाती है। अमूमन गोल्ड की ज्वैलरी 22 कैरेट गोल्ड में बनती है। वहीं, दूसरी ओर गोल्ड बिस्कुट और गोल्ड कॉइन 24 कैरेट शुद्धता से बनी होती है।

इसके अलावा कीमती पत्थर से बने आभूषण आमतौर पर 18 कैरेट सोने के साथ बनाए जाते हैं। गोल्ड खरीदते वक्त हॉलमार्क की जांच करें। यदि आभूषण के एक टुकड़े पर बीआईएस का निशान है, तो फिर आप उसे तस्सली से ले सकते हैं।गोल्ड खरीदते वक्त यह ध्यान दिया जाना जरूरी है कि इसे खरीदने के बाद से ही आपके खर्चे खत्म नहीं हो जाते बल्कि आपको इससे ज्वैलरी बनवाने के लिए मेकिंग चार्ज भी देना होगा। इसके अलावा गोल्ड के मूल्य पर 3% जीएसटी और इसके मेकिंग चार्ज के तौर पर 5% जीएसटी देना होगा।यदि आप गोल्ड की खरीद किसी स्थानीय ज्वैलर, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी या ऑनलाइन खरीदते हैं तो इसके लिए विक्रेता के साथ बायबैक के विकल्पों की जांच करें।

एक बात जरूर जान लें कि बैंक से खरीदे गए सोने के सिक्के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशों के अनुसार बैंक को वापस नहीं बेचे जा सकते हैं। दूसरी ओर, यदि आप एक ज्वैलर को अपना सोना (किसी भी रूप में) बेच रहे हैं, तो आपको उसके लिए कम वैल्यूएशन मिलने की संभावना है, क्योंकि ज्वैलर मेकिंग चार्ज और एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज का पेमेंट नहीं करेगा।
गोल्ड को महंगाई से निपटने के लिए अच्छा निवेश साधन माना जाता है, इसलिए यह कई लोगों के लिए पसंदीदा निवेश है। गोल्ड में निवेश के लिए आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए फिजिकल फॉर्म में सोना रखने की जरूरत नहीं होती। स्कीम में निवेशकों को प्रति यूनिट गोल्ड में निवेश का मौका मिलता है। इसके अलावा आप गोल्ड म्युच्युल फंड और डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं।

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