#BIHAR #INDIA : बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने गंभीरता से लिया है। यूजीसी ने बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर कहा है कि शिक्षकों की भर्ती से संबंधित प्रक्रियाओं को 10 नवंबर 2019 से पहले शुरू करें, अन्यथा यूजीसी गंभीर कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो जाएगी। यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से कुलपतियों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि उच्च शिक्षा में शिक्षकों की भारी कमी गंभीर चिंता का विषय है और इसका समाधान अतिशीघ्र निकालने की जरूरत है। आपको एक बार पुन: अनुरोध किया जा रहा है कि शिक्षकों की बहाली से संबंधित प्रक्रियाओं को गंभीरता से शुरू करें और 10 नवंबर 2019 से पहले यूजीसी की एक्टिविटी मॉनिटरिंग पोर्टल पर इसे अपडेट करें।

यूजीसी कड़ी कार्रवाई करने के लिए बाध्य
पत्र में यह भी लिखा गया है कि खाली पदों को जल्दी नहीं भरने की स्थिति को गंभीरता से ली जाएगी। समय सीमा के अंदर जो संस्थान शिक्षकों की बहाली नहीं करेंगे, उनपर यूजीसी कड़ी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी। यूजीसी पिछले चार जून से अब तक बिहार के कुलपतियों को इस संबंध में चार बार पत्र भेज चुके हैं। बिहार विधानसभा में इस संबंध को लेकर कई बार चर्चाएं हुई हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री ने भी विधानसभा में माना है कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। हर बार उन्होंने आश्वासन दिया है कि शिक्षकों की कमी को जल्दी पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन आज तक इस पर किसी तरह का काम आगे नहीं बढ़ पाया है। यहां तक कि बीपीएससी ने जिन अभ्यर्थियों को अनुशंषित किया है, वे भी नियुक्ति की आस में हैं। ऐसे 80 अभ्यर्थी सिर्फ नए बने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में नियुक्ति के इंतजार में हैं।

