चलती कार में मोबाइल पर बात करना, शराब पीकर गाड़ी चलाने से कम खत’रनाक नहीं

चलती कार में मोबाइल पर बात करना, शराब पीकर गाड़ी चलाने से कम खत’रनाक नहीं है। यह दोनों लत आ’पातकालीन स्थिति में ड्राइवर के निर्णय लेने की प्रतिक्रिया के समय को बढ़ा देते हैं। ऐसी स्थिति सड़क हा’दसों को बढ़ावा देती हैं। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी भारत में सड़क हादसे-2018 की रिपोर्ट के अनुसार 467044 सड़क हादसों में 151417 लोग मारे गए।

इसमें शराब पीकर कार चलाने के कारण 12018 हादसों में कुल 4188 लोगों की मौत हो गई। यह कुल मृतकों का 2.8% है। 2017 में 14071 दुर्घ’टनाओं में 4776 लोग मा’रे गए हैं। इस प्रकार 2017 की अपेक्षा 2018 में शराब पीकर वाहन चलाने से हुए सड़क हाद’सों में मृ’तकों की संख्या में 12% की कमी आई। वहीं, कार चलाते हुए मोबाइल पर बात करने के कारण 2018 में 9039 सड़क हादसे हुए। इसमें 3707 लोगों की मृत्यु हुई थी। यह कुल मृ’तकों की संख्या का 2.4 फीसदी है।

2017 में 8526 हादसों में 3172 लोगों की जान चली गई। अर्थात 2017 की अपेक्षाकृत 2018 में कार चलाते हुए मोबाइल का प्रयोग से हा’दसो में मृ’तकों की संख्या में 16% की वृद्धि हुई। सेव लाइफ फाउंडेशन के पीयूष तिवारी ने बताया कि नशे की हालत व मोबाइल के इस्तेमाल होने पर ड्राइवर एकाग्रचित नहीं रहता है। आपातकालीन स्थिति में उनका रेस्पॉन्स टाइम अधिक हो जाता है। त्वरित फैसला नहीं लेने के कारण सड़क हा’दसा होता है। अगर शराब या मोबाइल का प्रयोग नहीं करे तो ड्राइवर आगे की तीन-चार गाड़ियों व स्थिति पर नजर रखता है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading