अब फ’र्जीवाड़ा करके कोई भी एमबीबीएस की डिग्री हासिल नहीं कर पाएगा। फ’र्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए अब एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा (नीट) 2020 में डिजिटल बायोमेट्रिक सिस्टम से निगरानी होगी। प्रवेश परीक्षा से लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान कक्षा में कभी भी बायोमेट्रिक सिस्टम से छात्र की औचक जांच की जा सकेगी।
एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा नीट 2019 में सख्ती के बावजूद तमिलनाडु में ‘मुन्नाभाई’ सफल रहे थे। ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए डिजिटल निगरानी व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाएगा। एनटीए डिजिटल बायोमेट्रिक का पूरा डाटा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देगा।

इसके बाद मंत्रालय राज्यों को कांउसलिंग में मिलान के लिए उपलब्ध कराएगा। मेडिकल कॉलेजों को भी हिदायत दी जाएगी कि वे छात्र का डिजिटल बायोमेट्रिक से मिलान करें कि परीक्षा, काउंसलिंग और कक्षा में पहुंचने वाला छात्र एक ही है।
सूत्रों के मुताबिक पहली बार नीट के आवेदन पत्र में छात्रों को 10वीं और 12वीं का रोल नंबर भी लिखना होगा। एनटीए इस रोल नंबर के जरिये नीट में आवेदनकर्ता के हस्ताक्षर, फोटो, अंगूठे के निशान की जांच होगी। एनटीए ने सॉफ्टवेयर तैयार किया है। किसी छात्र के बारे में शक होने पर उसकी 10वीं व 12वीं की आंसरशीट भी जांची जाएगी।
