#BIHAR #INDIA : बिहार सरकार के विभिन्न विभागों पर बिजली कंपनी का 850 करोड़ से अधिक का बकाया है। बकाएदारों में सबसे अव्वल लघु सिंचाई विभाग है। कुल बकाए में से एक चौथाई से अधिक यानी 269 करोड़ बकाया लघु सिंचाई विभाग पर ही कंपनी का बकाया है। बिल जमा नहीं करने पर आम उपभोक्ताओं का एक महीने में ही कनेक्शन काटने वाली बिजली कंपनी महीनों बाद भी सरकारी विभागों को पत्र लिखने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही है।

एक अप्रैल, 2020 से बिजली दर तय करने के लिए बिजली कंपनियों ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की है। गंगा के उत्तर में अवस्थित 21 जिलों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था देखने वाली नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और गंगा के दक्षिण हिस्से वाले 17 जिलों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था देखने वाली साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अलग-अलग याचिका दायर की है। याचिका में दोनों कंपनियों ने अपना नुकसान 35 फीसदी से अधिक बताया है। जबकि आयोग की ओर से तय लक्ष्य के अनुसार कंपनियों को एक अप्रैल, 2019 से ही अपना नुकसान 15 फीसदी पर ले आना था। अधिक नुकसान के बारे में जब आयोग ने कंपनियों से जानकारी मांगी तो उसने एक अहम कारण सरकारी विभागों पर बकाया बताया है।

बिजली कंपनी ने सरकार के 35 विभागों पर बकाए का ब्योरा आयोग को सौंपा है। इसमें कृषि, पशुपालन, कला संस्कृति, वाणिज्यकर, मद्यनिषेध, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, सामान्य प्रशासन, शिक्षा, गृह, उद्योग, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, श्रम संसाधन, पीएचईडी, भवन निर्माण, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, राजस्व एवं भूमि सुधार, ग्रामीण विकास, परिवहन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, नगर विकास, कल्याण, सूचना एवं जनसम्पर्क, एससी-एसटी, वित्त विभाग प्रमुख विभाग हैं।
