रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन और अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को निष्क्रिय करने के एनडीए सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर वापस जाने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। रक्षा मंत्री ने कर्नाटक के मंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए 1990 के दशक में आतंकवाद के चरम पर रहने के दौरान घाटी से बड़ी संख्या में हुए कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब कोई भी ताकत उन्हें उनके घरों में लौटने से नहीं रोक सकती।

पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी को छूएंगे नहीं, लेकिन यदि हमें कोई परेशान करता है तो हम उसे शांति से रहने भी नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने नेहरू से पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों जैसे अल्पसंख्यकों के भारत आने पर उन्हें नागरिकता देने को कहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी सोच को पूरा किया।
