चीन के वुहान से पूरी दुनिया में फैले को’रोना वा’यरस से इस वक्त 200 से अधिक देश जू’झ रहे हैं। को’रोना से नि’पटने के लिए सभी देश अपने-अपने हिसाब से इंतजाम कर रहे हैं। इसी कड़ी में आईआईएससी, बंगलूरू और चार आईआईटी ने ‘‘गो को’रोना गो’’ से लेकर ‘‘संपर्क-ओ-मीटर’’ तक कई मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए हैं।
आईआईएससी की एक टीम ने ‘‘गो को’रोना गो’’ एप विकसित किया है, जो कोविड-19 के संदिग्धों के संपर्क में आये लोगों की पहचान करने में मदद कर सकता है।

आईआईएससी के एक संकाय सदस्य तरुण रंभा के मुताबिक, ‘‘एप ब्लूटूथ और जीपीएस का इस्तेमाल करके कोविड-19 से संक्रमितों या संदिग्धों के संपर्क में आये लोगों की पहचान करने में मदद करेगा। यह दूर के संपर्कों से भी जोखिम की प्रवृत्ति को समझने के लिए अस्थायी नेटवर्क एनालिटिक्स का उपयोग करता है।
इसके साथ ही यह एप बी’मारी के प्रसार का आंकलन करने और उन लोगों की पहचान करने में मदद कर सकता है, जिनके वायरस की चपेट में आने की आशंका है।’’

आईआईटी रोपड़ के एक बीटेक छात्र ने ‘‘संपर्क-ओ-मीटर’’ नामक एक मोबाइल एप विकसित किया है, जो मानचित्र के जरिये को’रोना वा’यरस के अधिकतम सं’क्रमण की आशंका वाले वाले क्षेत्रों को इंगित कर सकता है।
इस एप को विकसित करने वाले छात्र साहिल वर्मा ने कहा, ‘‘एप विभिन्न कारकों पर विचार करने के बाद एक ‘जोखिम स्कोर’ उत्पन्न करता है और लोगों को एहतियाती उपाय करने के लिए सचेत कर सकता है, जिसमें खुद को पृथकवास में रखना या किसी डॉक्टर से संपर्क करना भी शामिल है।
