
NEW DELHI : LAC पर चीन के साथ चल रहे तना’व के बीच भारत को मीटियर मिसा’इल से लै’स छह राफेल ल’ड़ाकू विमानों का पहला खेप 27 जुलाई तक मिलने की उम्मीद है। मीटियर मिसा’इल से लैस राफेल 150 किलोमीटर की अधिक दूरी से ल’क्ष्य पर नि’शाना सा’ध सकता है। इससे भारतीय वायु से’ना को और अधिक ता’कत मिलेगी। भारतीय वायुसे’ना के स्पेशल रिक्वेस्ट के बाद फ्रांस इन विमानों को समय से पहले भारत भेजेगा।

दरअसल, पहले से तय डिली’वरी शेड्यूल के अनुसार, पहले 18 ल’ड़ाकू विमानों को भारतीय वायुसेना को फरवरी 2021 में दिया जाना था। इसके बाद अप्रैल-मई, 2022 में बाकी विमानों की डि’लीवरी होनी थी। वहीं, फ्रांस ने पहले राफेल विमान को 8 अक्टूबर, 2019 को भारत को सौंप दिया था। पर, चीन के साथ गलवान घाटी में हुई झ’ड़प के बाद स्थिति को देखते हुए वायुसे’ना ने फ्रांस से इसे पहले डिली’वर करने के लिए कहा है।

गलवन घाटी में चीनी सैनि’कों के साथ हुई झ’ड़प के बाद दोनों देशों के बीच तना’व बढ़ने के मद्देनजर भारतीय वायुसे’ना पिछले दो सप्ताह से हाई अल’र्ट पर है। पिछले सात सप्ताह से दोनों देशों की से’नाओं के बीच गतिरो’ध का’यम है। दो जून को र’क्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने बताया था कि भारत को पहले से निर्धारित समय के अनुसार राफेल जेट विमान दिया जाएगा।

अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की श’र्त पर कहा कि राफेल जेट के आने से भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्ष’मता में इजा’फा होगा और यह भारत के विरो’धियों को स्पष्ट संदेश देगा। हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर भारतीय वायुसे’ना ने कोई टिप्पणी नहीं की है। जानकारी के मुताबिक, राफेल विमान का पहला स्क्वाड्रन अंबाला स्टेशन पर तैनात किया जाएगा, जिसे भारतीय वायुसे’ना के सबसे रणनी’तिक रूप से महत्वपूर्ण ठि’कानों में से एक माना जाता है।

बता दें कि भारत ने सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल ल’ड़ाकू विमानों की डी’ल की थी। यह डील तकरीबन 59 हजार करोड़ रुपये की थी, जिसके तहत 36 राफेल ल’ड़ाकू जेट की खरीद के लिए समझौता हुआ था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, फ्रांस में भारतीय वायु से’ना (Indian Air Force) के पायलटों के चल रहे प्रशि’क्षण की स्थिति के आधार पर जुलाई के अंत तक छह राफेल मिल सकते हैं।

ये राफेल विमान अपने पूरे पैकेज के साथ भारत पहुंचेंगे और कुछ ही दिनों में चालू हो जाएगा। मूल यो’जना अम्बाला वायु से’ना स्टेशन पर पायलटों को प्रशि’क्षित करने के लिए तीन सीटर ट्रे’नर संस्करणों सहित चार राफेल प्राप्त करने की थी, जो भारत में राफेल ल’ड़ाकू जेट का पहला बेस होगा।सूत्रों के अनुसार, दूसरा बेस पश्चिम बंगाल में हाशिमारा होगा। विशे’षज्ञों का मानना है कि चीन के साथ चल रहे सीमा विवा’द के बीच राफेल ल’ड़ाकू विमान की डिली’वरी में ते’जी लाना काफी अच्छी बात है।


