
दह’शतगर्द विकास दुबे को एक मंत्री ने शरण दी। कारोबारी का भी उसे साथ मिला और वो वकील के दिमाग से चलता रहा। उससे पू’छताछ करने में शामिल कानपुर पुलिस के एक अधिकारी ने इसका खु’लासा किया। योजना बनाकर उसे महाकाल मंदिर भेजकर उसकी गिर’फ्तारी कराई गई।
नेताओं को ढाल बनाकर ही वो इतने दिनों तक फरार घूमता रहा। विकास दुबे से पूछताछ में राजनीतिक संर’क्षण की पुष्टि हुई है। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक विकास के यूपी, मध्य प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों के नेताओं से संबंध थे जिसका उसने हमेशा अप’राधों में उनका इस्ते’माल किया। उनकी शह पर वा’रदातों को अंजा’म दिया और बचता रहा। इस बार भी वही हुआ।

वारदात की जानकारी कुछ ही घंटे में उसके हर एक करीबी हो गई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक मंत्री ने इस पूरे घट’नाक्रम में विकास का साथ दिया है। मंत्री ने उसको भरोसा दिया था कि उसे वो बचा लेंगे। इसी भरोसे में वो एक वकील के इशारों पर इधर से उधर भा’गता रहा। शहर और मध्य प्रदेश के एक बड़े श’राब कारोबारी ने उसका साथ दिया।

एनका’उंटर न होने की थी गा’रंटी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मंत्री ने विकास से कहा था कि उसे एनका’उंटर से बचा लेंगे। बस या तो वो कोर्ट में सरें’डर कर दे या फिर सार्वजनिक तौर पर गिर’फ्तार हो जाए, जो मीडिया में वाय’रल हो जाए। विकास कोर्ट में सरें’डर करने से खौ’फ खा रहा था। इसलिए मंत्री, वकील और कारोबारी ने उसको आइडिया दिया कि यूपी के अलावा किसी दूसरे राज्य में सार्व’जनिक गिर’फ्तारी दे दे। इसके लिए मध्य प्रदेश को चुना। मंत्री जी का मध्य प्रदेश में दबदबा भी है। तय यो’जना के तहत सब हुआ भी। विकास ने सीसीटीवी से लैस महाकाल मंदिर में गिर’फ्तारी दी और शो’र म’चाकर अपना नाम भी बताया।

थानेदार और सीओ को ह’टाने पर बड़ा सं’देह
उज्जैन के जिस थाना क्षेत्र में विकास दुबे गिर’फ्तार हुआ वहां के थानेदार और सर्किल ऑफिसर को एक दिन पहले ही शाम को ह’टाया गया था। इससे बहुत बड़ा स’वाल ख’ड़ा हो रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आशं’का है कि सा’जिश के तहत गिर’फ्तारी कराने के लिए खास थानेदार व सीओ को पोस्ट किया गया। उसके बाद गिर’फ्तारी हुई। ऐसे कई स’वाल हैं जो अनसु’लझे हैं।
