बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार यानी 27 अगस्त को ऑनलाइन भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र service जारी करने की सुविधा का शुभारंभ करेंगे। मौके पर डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल भी मौजूद रहेंगे।

इन प्रमाणपत्रों के ऑनलाइन जारी करने से राज्य में भूमि वि’वादों को निपटाने में मदद मिलेगी। विभाग ने राजस्व विभाग में जमाबंदी के मूल दस्तावेजों और अद्यतन राजस्व रसीद के आधार पर यह प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था की है। जमाबंदी के दस्तावेजों को पहले से ही डिजिटल किया जा चुका है। जमीन के दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही जमीन के दखल कब्जा के प्रमाण पत्र जारी हो सकेंगे।
पटना के अलावा औरंगाबाद, अरवल जिले के लोगों को लाभ
इससे पहले बुधवार को उन्होंने पटना मुख्य नहर की बांध पर बनी सड़क का चौड़ीकारण व पक्कीकरण कार्य का उद्घाटन किया। यह सड़क बारुन से भुसौली तक 122 किमी लंबी है। इससे पटना से औरंगाबाद के बीच वाले छोटे वाहनों के आवागमन के लिए एक नया अतिरिक्त रास्ता मिल गया है। इसके पूरा हो जाने से पटना के अलावा औरंगाबाद, अरवल जिले के लोगों को फायदा मिलेगा। पटना से औरंगाबाद एनएच 98 के अलावा यह अतिरिक्त रास्ता होगा, जिनपर छोटे वाहन का परिचालन होगा। कम समय में यह दूरी तय की जा सकेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के झंझारपुर मुख्य शाखा नहर समेत कई योजनाओं का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 1082 करोड़ की 23 योजनाओं का उद्घाटन और 388 करोड़ की सात योजनाओं का शिलान्यास किया।

तीन प्रखंड के 6900 हेक्टेयर में सिंचाई होगी
मुख्यमंत्री ने ढाढर-अपसरण योजना और पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के झंझारपुर मुख्य शाखा नहर का भी उद्घाटन किया गया। तय समय से पहले यह पूरी हुई है। ढाढर योजना से गया जिले के फतेहपुर, वजीरगंज, टनकुप्पा और मोहरा प्रखंड में 6900 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने पटना के अनीशाबद में बने बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र में स्थापित डाटा केंद्र का भी सीएम उद्घाटन किया। कहा कि इस वर्ष कई नदियों का जलस्तर नये रिकार्ड पर पहुंचने के बावजूद बाढ़ की विषम परिस्थिति को संभालने में बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र और गणितीय प्रतिमान केंद्र का काफी योगदान रहा।
छोटी नदियों को जोड़ने की योजना पर काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की योजना पर काम हो रहा है। बरसात में नदियों का पानी बह जाता है। इस योजना से जल का संचय होगा और बाढ़ प्रबंधन भी बेहतर हो सकेगा। भू-गर्भ जलस्तर में भी सुधार होगा।
