NEW DELHI : B.1.618 Covid Variant: देश में कोरो’ना वाय’रस की दूसरी ल’हर के कहर से हा’हाकार म’चा है. कोरोना वाय’रस के इस अटै’क के पीछे डबल म्यू’टेंट वैरिएंट को कारण माना जा रहा है. कोरो’ना डब’ल म्यूटेंट वैरिएंट B.1.167 को पहली बार पिछले साल अक्टूबर में ही डिटे’क्ट कर लिया गया था. ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की एक खबर के मुताबिक, बीते दिनों महाराष्ट्र के 60 फीसदी कोरो’ना सैंप’लिंग में डबल म्यू’टेंट पाया गया था. अब पश्चिम बंगाल में ये ड’बल म्यूटेंट नया वैरि’एंट तेजी से ब’ढ़ रहा है. इस वैरिएंट का एक और म्यू’टेशन हुआ है जो अब ट्रिप’ल म्यूटेंट वैरिएंट हो गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ से लिए गए सैं’पल में नया म्यू’टेशन होते देखा गया है. ये वो राज्य हैं जहां कोरो’ना की दूसरी लहर में मामले तेजी से ब’ढ़े हैं. इन राज्यों से लिए 17 सैंपल में ऐसा दिखा है. माना जा रहा है कि डबल म्यूटेशन वैरि’एंट के कारण ही मामलों में इतनी तेज रफ्तार से ब’ढ़ोतरी हुई है. ऐसे में ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट का पता चलने के बाद चिं’ता और ब’ढ़ गई है.

इस वैरिएंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है, जिसमें दो तरह के म्यूटे’शंस हैं- E484Q और L452R म्यूटे’शन. ये वाय’रस का वो रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बद’लाव हो चुका है. वाय’रस खुद को लंबे समय तक प्रभा’वी रखने के लिए लगातार अपनी जेने’टिक संर’चना में ब’दलाव लाते रहते हैं, ताकि उन्हें ख’त्म ना किया जा सके. दो तरह के वा’यरस म्यूटे’शन के कारण ही यह बेहद खत’रनाक माना जा रहा है. ‘इंडिया टुडे’ की एक अलग रिपोर्ट में कहा गया है कि यह E484K सहित आनुवं’शिक वैरि’एंट के एक अलग सेट की विशे’षता है. इसे एक प्रमुख प्रतिर’क्षा संस्क’रण कहा जा रहा है. यानी ये प्रतिर’क्षा से ब’चा सकता है. भले ही किसी व्यक्ति को पहले कोरो’ना वाय’रस हो चुका हो, फिर भी ये नया वैरिएंट इस वायरस के खि’लाफ एंटीबॉडी का उत्पा’दन नहीं करने देगा.
INPUT : NEWS 18
एक्स’पर्ट का कहना है कि B.1.618 नया वैरिएंट बंगाल में 130 से 129 सैं’पल में पाया गया है, जहां विधानसभा के चु’नाव हो रहे हैं. रै’लियों-जनसभा’ओं में भारी भी’ड़ देखी जा रही है. भारत के साथ ही ये डबल म्यूटेंट नया वैरिएंट अमेरिका, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और फिनलैंड में भी पाया गया है. outbreak.info के एनालि’सिस के मुताबिक, मौजूदा समय में भारत में 62.5 फीसदी केस B.1.618 वैरिएंट के हैं. देश के वैज्ञा’निकों ने मौजूदा लह’र के बारे में जीनोम सीक्व’वेंसिंग की रिपोर्ट तैयार की है. इसमें कहा गया है कि दो अप्रैल के पहले के 60 दिनों में की गई जी’नोम सीक्व’वेंसिंग में डबल म्यू’टेंट सबसे ज्यादा पाया गया.
कई बार म्यूटे’शन के बाद वाय’रस पहले से कमजो’र हो जाता है लेकिन कई बार म्यूटे’शन की यह प्रक्रि’या वाय’रस को काफी खत’रनाक बना देती है. ऐसे में वायरस हमारे शरीर की किसी कोशि’का पर ह’मला करते हैं तो को’शिका कुछ ही घंटों के अंदर वाय’रस की हजारों कॉपीज बना देती है. इससे शरीर में वाय’रस लो’ड ते’जी से ब’ढ़ता है और मरी’ज जल्दी ही बी’मारी की गंभी’र अव’स्था में पहुंच जाता है.














