हर मुस्कुराते पति के चेहरे पर चस्पा सुकून के पीछे जीवन की सार्थक सारथी पत्नियों का साइलेंट संघर्ष होता है. मानिए या इनकार कर दीजिए. आपकी मर्जी. सोचिएगा जरूर ! दिमाग की नसें हिल जायेंगी ! उनके बिना आपकी सपने और कल्पना की दीवार भरभराकर गिर जायेगी ! आप एकबारगी शून्य को समर्पित हो जायेंगे ! कोई पास नहीं होगा. वो पल, एहसास, सानिध्य, समझदारी और आपके जीवन के साहसिक फैसले. सबकी याद आएगी. सन्नाटा पसर जायेगा ! क्योंकि आपकी चढ़ती उतरती सांसों की डोर में उसके साइलेंट संघर्ष की सलाहियत छुपी होती है. इसका एहसास आपको भले न हो. लेकिन एक बार सोचिएगा जरूर. तमाम तरह के भद्दे चुटकुले. सोशल मीडिया पर उनका मजाक बनाया जाना. आप समझ लीजिए. जिन हाथों और उंगलियों को कष्ट देकर उनके लिए मजाक के दो शब्द लिखते हैं. उसमें प्रवाहित होने वाला रक्त पत्नी के रोजाना किए जाने वाले संघर्ष का अंश है. आपका हंसना, मुस्कुराना, खिलखिलाना और चैन की नींद सोना. कई मामलों में निश्चिंत होकर कर्तव्य पथ पर अडिग रहना. आपके सिलवटेदार कपड़ों का रोज प्रेस होकर मिलना. रोजाना आपकी टिफिन में सोंधी सुंगध वाले नाश्ते का होना. आपके नाहक गुस्से को झेलते हुए उसका मुस्कुराते हुए चुप हो जाना. ये बस उसी के बस की बात है.

लोग कहते हैं कि किसी से दिल का रिश्ता है. ये पहला रिश्ता है, जो अपनेपन और उम्मीद से होकर दर्द तक पहुंचता है. आपको एक ग्लास पानी मिलने में देरी हो जाए, तो आपकी नाक सिकुड़ने लगती है. वो आपकी लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है. बेवजह भी, बिना मतलब के आपका उससे चिढ़कर बोलना. उसे बिल्कुल नहीं सुहाता. फिर भी वो सहती है. जब आप जीवन की जंग में होते हैं, तब वो आपके लिए बेचैनी से करवटें बदलती है. आपका घर में गुम हुआ कागज का एक टुकड़ा, जब मिलता है, करीने से सजा होता है. पत्नियों पर लिखे गए हास्य कविताओं को पढ़कर आप भले दांच चियार लें. कभी उनके दैनिक संघर्ष की दास्तान पर सीरियस होकर देखिए. मुस्कुराट भूलकर स्नेह करने लगिएगा. साथ रहते हुए भी आपसे अचानक पूछा जाए, आज उसके चेहरे की रंगत कैसी थी. आप नहीं बता पाएंगे. लेकिन आपके चेहरे बदलते हर भाव को भांपने का नाम भार्या है. आपसे पूछा जाए, महीने में कितने दिन आपने उससे प्रेम से बातें की है. आंकड़े निराशाजनक गवाही देंगे. आपके जीवन के हर कदम पर पत्नी, जाया, कांता, बीवी, घरवाली और अर्धागिनी बनकर साथ खड़ी रहती है. आप फटाक से अपनी कोई समस्या उसे बता देंगे. उसे अपनी समस्या बताने के लिए आपकी मानसिक अवस्था को समझना होता है.

बिखरे घर में बेतरतीब पड़े सामान भले आपको खटकते हों. उसे सजाना सिर्फ उसके बस की बात है. घर में घुसते ही साफ-सुथरे कपड़ों में लिपटे बच्चे आपको हाय पापा कहते हैं. उसमें पत्नी का ही हाथ होता है. आपके जीवन में जब मुश्किलें साथ होती हैं, तब पत्नी आपकी आस बनकर आपके पास होती है. जब आप चिंता, तकलीफ, कष्ट और परेशानी से दो चार होते हैं. पत्नी आपके साथ होती है. आपकी समस्या को वो स्वयं की समस्या समझकर उससे मानसिक रूप से लड़ने लगती है. उसके चेहरे की लकीरें बदल जाती है. बिना आपको बताएं, वो आपकी समस्या से लड़ती है. फिर, अंत में वो आपमें विश्वास जगाकर विजयी होने की हिम्मत भरती है. जब दुनिया आपको बीच मझधार में छोड़ जाती है, तब वो आपका साथ निभाती है. क्योंकि, वो पत्नी है साहब. आप जितनी मेहनत करते हैं, उससे कई गुना ज्यादा कष्टकारक मेहनत से वो दो चार होती है. क्योंकि वो आपको अपना पूरा संसार समझती है.