बिहार में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. खासकर इस बार मुखिया का चुनाव लड़ने वाले भावी उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है. उम्मीदवारों का निर्वाचन क्षेत्र सीमा कहां तक रहेगी. इसे लेकर एक विशेष सूचना जारी की गई है. इस सूचना से सभी जिलों के निर्वाची अधिकारी भी अवगत हो गए हैं. उम्मीदवारों के लिए एक सीमा निर्धारित की गई है. जिसके पालना के बाद ही वे चुनाव लड़ सकते हैं.

मुखिया का चुनाव लड़ने वालों के लिए सबसे बड़ी खबर ये है कि मुखिया पद के प्रत्याशी अपने प्रखंड के किसी भी पंचायत से इस बार चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन उसमें शर्त ये है कि मुखिया का नाम उस इलाके के वोटर लिस्ट में होना चाहिए. इतना ही नहीं मुखिया के साथ-साथ सरपंच और पंचायत समिति सदस्य के लिए भी यही नियम होंगे.

सवाल सबसे बड़ा ये है कि आखिर मुखिया अपना पंचायत छोड़कर अन्य जगह से कैसे लड़ेंगे. ऐसे में उनलोगों के लिए सुविधा हो गई है जिनका लालन पालन किसी और प्रखंड में हुआ हो और वहीं के वोटर लिस्ट में उनका नाम हो. उनकी तो बल्ले बल्ले हो गई है. क्योंकि बहुत सारे लोग जवानी के दिनों में अपने नाना-नानी या गिफ्ट में मिले जमीन की वजह से अपना प्रखंड छोड़कर दूसरी जगह रहने लगते हैं. वैसे में ये चुनाव लड़ सकते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साथ ही जिला परिषद प्रत्याशी अपने जिले के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार हो सकता है. शर्त वही होगी कि जहां से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां की मतदाता सूची में उनका नाम हो.
