मुजफ्फरपुर जिले के औराई के रहने वाले सद्दाम अफगानिस्तान से सकुशल अपने घर लौटे। वे काबुल में पिछले करीब दो साल से स्टील प्लांट में काम करते थे। यहां आने के बाद वहां के खौफनाक मंजर और इस दौरान डर के माहौल में बिताए गए दिनों को बताया। सद्दाम ने कहा कि उसके साथ कई भारतीयों को तालीबानी लड़ाकों ने बंधक बना लिया था। करीब 6 घंटे तक पूछताछ की थी। हर वक्त हथियार लेकर लड़ाके घूमते रहते थे। जिंदा घर लौटने पर सद्दाम ने बताया कि हर वक्त मौत सामने नजर आती थी।
अफगानिस्तान में तालिबान शासकों का कब्जा होने के बाद सद्दाम ने 19 अगस्त के फ्लाइट का टिकट बुक कराया, लेकिन फ्लाइट कैंसिल हो गई। उन्हें पहले लगा था कि काबुल में कब्जा नहीं होगा, लेकिन 15 अगस्त को तालिबान लड़ाकों ने काबुल पर कब्जा कर लिया। इसके बाद हालात बदतर होते चले गए। जगह-जगह से उन्हें गोलियों और बम के धमाके के बारे में सुनने को मिलता था। काफी डरे सहमे थे। यहां परिवार के लोग भी काफी चिंतित थे।


सभी को चिंता सता रही थी की लौट कर आएंगे या नहीं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। इक्का-दुक्का लोग ही बाहर दिखते थे। गुलज़ार रहने वाला बाजार एकदम सुनसान था। कुछ दिनों तक तो लोग अपने घरों में रहे। फिर स्थिति सामान्य होने और धीरे-धीरे निकलना शुरू किया। अफगानिस्तान के लोगों को उतनी परेशानी नहीं थी, जितना दूसरे देशों के लोगों को थी।
गाड़ी में हथियार के साथ घूमते थे लड़ाके
उन्होंने बताया कि काबुल में जगह-जगह बड़े-बड़े हथियार लेकर तालिबान लड़ाके घूमने लगे। उनके साथ और भी कई भारतीय फंसे हुए थे। सब अंदर ही अंदर काफी डरे हुए थे। फिर भी एक दूसरे को हिम्मत दे रहे थे। उस समय स्थिति ऐसी थी कि किसी तरह वतन वापसी का सोच रहे थे, लेकिन कोई जरिया नहीं मिल रहा था।

बुलाकर ले गए थे तालिबान लड़ाके
सद्दाम ने बताया कि उनलोगों को तालिबान लड़ाके अपने साथ बुलाकर ले गए। वहां एक कमरे में बैठाया गया। फिर उनलोगों ने कहा कि अब अफगानिस्तान पर हमारा हुकूमत है। आपलोग घर जाना चाहते हैं तो बताओ। सभी ने हां में सिर हिलाया। इसके बाद उनलोगों से पूरा डिटेल्स पूछा गया। सभी जरूरी कागजात लिए। फिर भारतीय दूतावास में बात की। वहां से उनका डाक्यूमेंट्स भेजा गया। करीब छह घंटे तक वे लोग तालिबान लड़ाकों के कब्जे में रहे।
भारत सरकार को दिया धन्यवाद
सद्दाम ने कहा कि सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने के बाद 22 अगस्त को उनलोगों को फ्लाइट में बैठाया गया था। वहां से दिल्ली पहुंचे। एयरपोर्ट से ही उनलोगों को ले जाकर क्वारैंटाइन कर दिया गया। इसकी अवधि पूरी होने के बाद औराई स्थित अपने घर लौटे। सद्दाम और उनका पूरा परिवार भारत सरकार को धन्यवाद दे रहा है। कहते हैं कि हमने तो वतन वापसी की आशा ही छोड़ दी थी, लेकिन सरकार एक-एक भारतीयों को वहां से निकाल रही है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची
इधर, सद्दाम के घर पहुंचते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी जांच पड़ताल करने पहुंची। उनसे कोरोना के टीका के बारे में पूछा गया। सद्दाम ने कहा कि वे कोरोना का दोनों डोज ले चुके है। स्वास्थ्य प्रबन्धक राहुल कुमार ने बताया कि भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार टीम सद्दाम के घर गयी थी। जांच पड़ताल में सबकुछ सही पाया गया।