हमने कभी भी भारत के खिलाफ न तो चीन-कार्ड का इस्तेमाल किया और न ही चीन के खिलाफ भारत-कार्ड का: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कभी भी भारत के खिलाफ न तो चीन-कार्ड का इस्तेमाल किया और न ही चीन के खिलाफ भारत-कार्ड का. उन्होंने साथ में जोड़ा, ‘नेपाल के आंतरिक मामलों को न तो कोई निर्देशित करे और न ही उसे कोई अपना सैटेलाइट समझे |’ उन्होंने कहा, ‘ भारत और नेपाल के संबंध ऐसे होने चाहिए जहां दोनों के लिये फायदे की स्थिति बने | नेपाल कभी भी भारत के हितों के खिलाफ नहीं सोच सकता | ऐसा करने से हमें क्या फायदा होगा? भारत एक बड़ा पड़ोसी देश है जिसके साथ हमारे पुराने भावनात्मक संबंध रहे हैं | लेकिन आज विश्व व्यवस्था में कारोबार का महत्वपूर्ण स्थान है और हम चाहते हैं कि नेपाल प्रगति…

जाहिर है, आयात-निर्यात के लिए उनका इस्तेमाल नेपाल के लिए उतना सहज नहीं होगा और इसके लिए भारत पर उसकी निर्भरता तत्काल नहीं प्रभावित होगी। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उत्तर की तरफ रास्ते खुलने के बाद बाहरी दुनिया से व्यापारिक संपर्क के लिए भारत पर संपूर्ण निर्भरता की मजबूरी उसके सामने नहीं रहेगी। भारत के साथ नेपाल के रिश्ते पहले जैसे नहीं रह जाने की बात नेपाली राजनीति में पिछले दो-तीन वर्षों में कुछ ज्यादा ही मुखर होकर उभरी है और अब चीन के साथ समझौता करके उसने इस बात पर पक्की मोहर लगा दी है। पिछले तीस वर्षों में दो मौके ऐसे आए, जब भारत से होकर नेपाल पहुंचने वाला सामान काफी समय…

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