आय दिन सड़क हादसों के घटनाओं को देखते हुए भी लोग युहीं नजरअंदाज करतें हैं ट्रैफिक रूल्स को , रांग साइड गाड़ियां चलने के कारण लोग सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर मुजफ्फरपुर से कोटवा के बीच हाल में लगाए गए सर्विलांस कैमरों में सड़क हादसों व इससे होनेवाली मौत की कई वजह दिखने लगी है। एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत लगाए गए 56 शक्तिशाली पीटीजेड कैमरों से @ 24×7 वीडियोग्राफी और रिकार्डिंग शुरू हो चुकी है। इसके अलावा वीआईडीएस (वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम) के कैमरे भी लगाए गए हैं। दामोदरपुर रेलवे गुमटी और सादातपुर मोड़ समेत सभी व्यस्त चौराहों के दोनों छोर पर (रोड डिवाइडर पर) ऊंचे पोल पर लगे कैमरे चारों लेन के वाहनों की आवाजाही की रिकार्डिंग कर रहे हैं।
एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के विधिवत उद्घाटन से पहले जांचा-परखा जा रहा है। कैमरों के माध्यम से मोतीपुर की सीमा पर परसौनी स्थित टोल प्लाजा के कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर खतरों के अलार्म बजने लगे हैं। कोटवा-मुजफ्फरपुर टोल वे लिमिटेड के मैनेजर शशिभूषण द्विवेदी ने बताया कि कैमरों की रिकार्डिंग में बार-बार छोटे-बड़े वाहनों की रांग साइड ड्राइविंग दिख रही है। रांग साइड ड्राइविंग हाईवे पर दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण रहा है। इसके अलावा कैमरों में गति सीमा का खतरनाक उल्लंघन और होटल-ढाबा के आसपास सड़क पर वाहनों की पार्किंग दिख रही है। उन्होंने बताया कि निर्माण एजेंसी द्वारा हैंडओवर किए जाने के बाद कोटवा-मुजफ्फरपुर टोल वे लिमिटेड के प्रोजेक्ट हेड संजय राय इस बहुद्देश्यीय सिस्टम का उद्घाटन करेंगे।
हाईवे पर होगा सर्वेक्षण : अब मुजफ्फरपुर-कोटवा खंड पर ट्रैफिक का स्वत: सर्वे होगा। चारों लेन में चलने वाले वाहनों की संख्या, वाहनों के प्रकार और उनकी गति रिकॉर्ड की जाएगी। कोटवा से मुजफ्फरपुर के बीच सेंसर युक्त तार से भीड़-भाड़, जाम, मौसम की जानकारी मिलेगी, जिससे वाहनों को सतर्क किया जाएगा।
हाईवे पर वीआईडीएस बार-बार रांग साइड ड्राइविंग का संकेत दे रहे हैं। कैमरे में दिख रहा है कि अक्सर वाहन चालक यू-टर्न खोजने के लिए कुछ किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी से बचने के लिए रांग साइड ले रहे हैं। कैमरों की रिकार्डिंग से पता चल रहा है कि चालक कुछ मिनट बचाने के लिए रांग साइड में (उल्टी दिशा में) गाड़ी बढ़ा रहे हैं। इस वजह से अक्सर सड़क पर भीड़ हो रही है और वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है। ये चालक सामने से आ रहे वाहनों के चालक व उनमें बैठे यात्रियों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं।
अब जैसे हाईवे पर वाहन निर्धारित गति सीमा का उल्लंघन करते हैं, कंट्रोल रूम का अलार्म बज उठता है। नई व्यवस्था के बाद 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक गति होते ही संबंधित चालक को वीएमएस के माध्यम से चेतावनी दी जाएगी।
रांग साइड ड्राइविंग की वजह से दुर्घटना होने पर दोषी चालक के खिलाफ सजा का प्रावधान है। आईपीसी की धारा 304 (2) के तहत मामला दर्ज कर दोष साबित होने पर कम से कम 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। मोटर यान निरीक्षक रंजीत कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर में हर महीने रांग साइड के आरोप में 5-10 चालकों के लाइसेंस रद्द किए जा रहे हैं। कैमरे में अगर कोई ड्राइवर बार-बार रांग साइड ड्राइव करते पकड़ा जाएगा तो दो बार जुमार्ने के बाद तीसरी बार लाइसेंस रद्द किया जाएगा। बिहार में एमवीआई एक्ट के तहत रांग साइड ड्राइविंग पर 2000 रुपए जुर्माना का प्रावधान है। दिल्ली में सड़कों पर रांग साइड ड्राइविंग करने पर नए मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 के तहत डेंजरस ड्राइविंग के आरोप में 5000 रुपए जुर्माना, ड्राइविंग लाइसेंस जब्त या सस्पेंड करने का प्रावधान है।