मामला मुजफ्फरपुर के पुराने बाजार के मोतीपुर का है। जहां ह’त्या के 3 साल पुराने एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने ह’त्यारे को ता’उम्र ‘कैद की सजा सुनाई। इस मामले में अदालत ने ह’त्यारे पर 8 हजार रुपए जु’र्माना भी लगाया है।
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यहां रहनेवाले बालेंद्र साह ने अपनी साली के प्रेम में डूबकर अपने साढ़ू रंजन शाह की ह’त्या कर दी थी। ह’त्या की यह वा’रदात 9 नवंबर 2018 की है। इस मामले में मारे गए सा’ढ़ू रंजन साह की मां ने 12 नवंबर 2018 में प्रा’थमिकी दर कराई थी।

मां मोतीपुर थाना क्षेत्र के बरियारपुर रूदल गांव की रहने वाली हैं। द’र्ज कराई गई प्राथमिकी में बालेंद्र साह, उसकी पत्नी रिंकू देवी, साली सुशीला देवी, सुशीला देवी की मां, उसके पिता असगर साह और पारू थाना क्षेत्र के मोहज्जमा गांव के ममेरे भाई विकास कुमार को आ’रोपी बनाया था।

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक कृष्णदेव साह ने कोर्ट में 8 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों का बयान सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी की अदालत ने बालेंद्र साह को उम्रकैद की सजा सुनाई जबकि आरोपी साली सुशीला देवी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में कोर्ट ने इस ह’त्याकांड की सूचना देने वाली और मृ’तक की मां चंदा देवी को बिहार प्रतिकर अधिनियम के तहत लाभ देने की अनुशंसा जिला विधिक सेवा प्राधिकार से की है।

बता दें कि रंजन साह गांव में ही किराना दुकान चलाता था। वह 9 नवंबर 2018 को पारू थाना क्षेत्र में स्थित अपनी ससुराल जाफरपुर गया था। जहां उसकी ह’त्या कर दी गई थी। इससे पहले 14 जून 2018 को रंजन ने मोतीपुर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसमें बालेंद्र सहित अन्य पर मारपीट का आरोप लगाया था।

पुलिस ने इस ह’त्याकांड के मामले की जांच के बाद बालेंद्र और सुशीला देवी के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था। गि’रफ्तारी के बाद बालेंद्र ने पुलिस के सामने स्वीकार किया था कि पत्नी रिंकू देवी के बुलावे पर रंजन ससुराल के लिए चला था।

रास्ते में देवरिया से 5 किलोमीटर पहले ममेरे साला विकास के साथ मिलकर बालेंद्र ने रंजन की ह’त्या गला घोंटकर कर दी थी और श’व को पुलिया के नीचे छु’पा दिया था। पुलिस ने बालेंद्र साह की नि’शानदेही पर रंजन साह की ला’श पुलिया के नीचे से ब’रामद कर ली थी।
