कटिहार जिले में मंगलवार को केएमसीएच में तैनात एक चिकित्सक के खिलाफ कोलकाता से पहुंची एक महिला चिकित्सक ने मोर्चा खोल दिया। कुछ देर के लिए दोनों के बीच माहौल काफी गर्म रहा। जिसे देख कर कॉलेज प्रबंधन के कुछ अधिकारी वहां पहुंचे और मामला की गंभीरता को देखते हुए महिला चिकित्सक को कॉलेज परिसर से बाहर जाने की सलाह दी।

कोलकाता से पहुंची महिला चिकित्सक रेणु ने कॉलेज प्रबंधन पर आ’रोप लगाया कि उन लोगों की परेशानी को सुलझाने के बदले उसे उलझाने का प्रयास किया गया।

महिला चिकित्सक ने बताया कि 2011 में दोनों पक्षों की रजामंदी के साथ उसकी शादी नालदां हिलसा के डॉ. संतोष से शादी हुई थी। एक संतान होने के बाद से पिछले पांच साल से उसके पति उनके साथ रहना नहीं चाह रहे हैं।

उनके पति केएमसीएच में कार्यरत हैं। लीगल रूप से संबंध विच्छेद नहीं होने के कारण समाज के लोग उन्हें ताना मार रहे हैं। पति के साथ बेहतर रिश्ता कायम करने के लिए उन्होंने महिला विकास मंच का सहारा लिया। मंच के अध्यक्ष मनीषा गुप्ता, सचिव राजेश्वरी साह और उनके पर्सनल सचिव दिप्ती बेदी आदि ने कहा कि चिकित्सक दंपति के बीच बेहतर रिश्ता कायम हो।

इसके लिए उन्होंने कोलकाता से ही दूरभाष पर कई बार संबंधित चिकित्सक से बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन वे बातचीत को तैयार नहीं हुए। इस कारण से उन लोगों को कोलकाता से कटिहार पहुंची थी लेकिन कॉलेज प्रबंधन द्वारा सुमचित सहयोग नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि यहां पहुंचने से यह लाभ मिला है कि महिला चिकित्सक को उसके पति से मुलकात हुई है। जिसने कहा कि लीगली जल्द ही डायवोर्स कर लेंगे। महिला विकास मंच के अध्यक्ष व सचिव ने कहा कि इस मामले के साथ जल्द ही वे लोग अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उधर, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अधिकारी का दावा है कि एक चिकित्सक का निजी मामला है। इस मामले में कॉलेज प्रबंधन क्या कर सकता है।
