मुजफ्फरपुर। बेला में ब्वॉयलर ब्ला’स्ट मामले में नियम बनाया गया है। अब बिहार के कारखानों में उपकरणों की समुचित देखभाल के लिए विशेष इंजीनियरों की तैनाती की जाएगी।
इनका पदनाम सुरक्षा अधिकारी का होगा। इनकी तैनाती उन कारखानों में अनिवार्य रूप से की जाएगी, जहां 500 से अधिक कामगार कार्यरत हैं। वैसे कोई भी कारखाना संचालक चाहें तो वे ऐसे इंजीनियर की तैनाती अपने कारखानों में कर सकते हैं। मुजफ्फरपुर ब्वॉयलर ब्ला’स्ट के बाद यह तय किया गया है।
श्रम संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी की किसी भी शाखा में मान्यता प्राप्त डिग्री का होना अनिवार्य है। साथ ही दो साल की पर्यवेक्षकीय क्षमता में व्यावहारिक अनुभव का भी होना जरूरी होगा। इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं हो तो भौतिकी या रसायन विज्ञान में मान्यता प्राप्त डिग्री और पांच साल की पर्यवेक्षकीय क्षमता वाले भी सुरक्षा अधिकारी बन सकेंगे।
इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी की किसी भी शाखा में एक मान्यता प्राप्त डिप्लोमा के साथ ही पांच साल का अनुभव रखने वाले भी इस पद के योग्य होंगे। इसके अलावा राज्य या केंद्र सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त संस्थानों से औद्योगिक सुरक्षा में डिग्री या डिप्लोमाधारी भी कारखानों में सुरक्षा अधिकारी बन सकेंगे। अगर अनुभव नहीं हो तो डिप्लोमा या डिग्री इंजीनियर का होना जरूरी होगा।
सुरक्षा अधिकारी का होना जरूरी होगा विभाग ने कहा है कि अगर 500 तक कामगार काम कर रहे हैं तो कम से कम एक सुरक्षा अधिकारी का होना जरूरी होगा।
लेकिन इससे अधिक कामगार हुए तो कारखाना संचालकों को एक से अधिक सुरक्षा अधिकारी अनिवार्य रूप से रखने होंगे। वहीं ख’तरनाक प्रक्रिया वाले कारखानों में सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती 250 कामगारों पर ही की जाएगी। विशेषकर ज्व’लनशील पदार्थ से संबंधित काम होने पर इस नियम का हर हाल में पालन किया जाएगा।

