अररिया : आखिरकार 14 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पहली बार अररिया के नरपतगंज रेलवे स्टेशन पर जैसे ही ट्रायल रेल इंजन की सीटी की आवाज क्षेत्रवासियों के कानों में पहुंचे लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि इतने लंबे समय से बंद पड़े रेलखंड पर ट्रायल इंजन पहुंच चुका है। बड़ी संख्या में आसपास के क्षेत्र से लोगों ने रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर फूल माला पहनाकर रेल इंजन ड्राइवर का स्वागत किया।

वहीं इंजन पर सेल्फी लेने तथा देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। रेलवे अधिकारियों की मानें तो ललित ग्राम से नरपतगंज तक पहले चरण में अप्रैल 2022 तक तथा दिसंबर 2022 तक फारबिसगंज तक रेल परिचालन की बात कही। यूं तो इंजन बुधवार की देर रात पहुंचा था, लेकिन गुरुवार को इंजन देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसमें बड़ी संख्यां में बच्चे शामिल थे।

विगत 18 अगस्त 2008 की कुशहा त्रासदी का सबसे व्यापक असर फारबिसगंज-सहरसा रेलखंड पर पड़ा। कोसी के जलप्रलय ने फारबिसगंज से लेकर नरपतगंज होते हुए प्रतापगंज आदि क्षेत्रों में कई जगहों पर रेलखंड को तहस-नहस कर दिया। कुशहा त्रासदी के बाद से ही इस रेलखंड पर ग्रहण लगा हुआ है।

हालांकि विगत एक वर्ष पूर्व राघोपुर से सहरसा तथा विगत 08 महीने पूर्व 27 अगस्त 21 को राघोपुर से ललितग्राम तक रेलखंड पर इंजन का ट्रायल कर रेल परिचालन शुरू कर दिया गया है।

अब ललित ग्राम से फारबिसगंज तक रेल खंड पर रेल परिचालन को लेकर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। बताते चलें कि कुसहा त्रासदी के बाद से 2008 में रेल परिचालन बंद होने के बाद फारबिसगंज से राघोपुर रेलवे स्टेशन के बीच 20 जनवरी 2014 को ही मेघा ब्लाक लिया गया था। फारबिसगंज से ललितग्राम तक का काम प्रथम चरण के तहत मेगा ब्लाक तो फारबिसगंज से राघोपुर रेलवे स्टेशन करीब 48 किलोमीटर तक लिया गया था।
