बेलागंज प्रखंड के मेन थाना क्षेत्र के मोरहर नदी में बंदोबस्त बालू घाट के सीमांकन के दौरान पुलिस ने आढ़तपुर गांव में महिलाओं के साथ बर्बरता सामने आई है। गांव में त’लाशी के दौरान महिला, विकलांग व बुजुर्गो को बे’रहमी से पिटाई की।

पिटाई के बाद दर्जनों की संख्या में ना’बालिग, यु’वक, पुरूष और महिलाओं के हाथ बां’धकर नदी के रेत पर बैठाया। बं’धे हुए हाथ और पुलिस के पहरा में बालू के रेत पर चलते हुए वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ है। पुलिस के इस क्रू’र और ब’र्बर चेहरे की हर ओर चर्चा हो रही है।

13 वर्षीय ना’बालिग बच्ची सहित छह महिलाओं एवं चार पुरुषों को पुलिस ने पीछे से हाथ और पैर बांधे घंटों जमीन पर बैठाए रखा। पुलिस ने हा’थ बां’धकर गिरफ्तार 10 लोगों को जानवरों की तरह ट्रैक्टर पर लाद बेलागंज थाना लेकर आई।

मेन थानाक्षेत्र के आढ़तपुर गांव की 13 वर्षीय दूधी कुमारी के स्वजन रामस्वरूप यादव दो दिनों से सारा सुध बुद्ध खो चुके है। वे बताते है कि हम लोग खेत में मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं। इस काम में हमारी बेटी भी हाथ बंटाती है। हमलोगों को इस मामले से कोई मतलब नहीं है। लेकिन फिर भी पुलिस वाले ने मेरी बेटी की बे’रहमी से पी’टा और हाथ बां’धकरक ले गई।

यह कथन पूजा के पिता इंद्रदेव यादव का है। वे बताते है कि किसी तरह हम अपन बेटी के इंटर करा बीए में नाम लिखबैली हल। जेकरा से पढ़ लिख के हमनी के सहारा बनत। लेकिन पुलिस ओकरा साथे एइसन कयलक की जैसे उ उग्रवादी हे। ए वाक्या कमोबेश हर ग्रामीणों की है।

बेलागंज के राजद विधायक डॉ सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने यह पुलिसिया कार्रवाई को तालिबानी बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार तालिबानी हाथ बांध लोगों को सर कलम करता है, उसी प्रकार पुलिस ने हाथ पैर बांध महिलाओं की पिटाई की है। बिहार में कानून बेलगाम हो गया है।

जनता की आवाज को तालिबानी कार्रवाई से बंद करना चाहती है। उन्होंने सरकार से मांग किया कि जिन बालू माफिया के द्वारा तालिबानी घटना को अंजाम दिया है, उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे। यहां की कार्रवाई और पिटाई को विधानसभा में उठाएंगे।