मुजफ्फरपुर। पिछले 12 वर्षो से दहेज ह’त्याकां’ड में ग’वाही के लिए को’र्ट में एसकेएमसीएच के तत्कालीन डॉक्टर व देवरिया थाने के तत्कालीन दारोगा पेश नहीं हो रहे है। दोनों के खि’लाफ ज’मानतीय वा’रंट जारी किया गया है। एडीजे 11 के को’र्ट से का’र्रवाई की गई है।

डीएम व एसकेएमसीएच अधीक्षक को पत्र भेजकर ग’वाहों को को’र्ट में प्र’स्तुत कराने का आ’देश दिया है। आदेश में कहा गया है कि 22 जून 2010 को अरुण गिरि की ग’वाही हुई थी।
इसके बाद से कोई ग’वाह न्यायालय में नहीं आया। सरकारी कर्मी डॉक्टर व पुलिस अधिकारी के भी प्रस्तुत नहीं होने पर कोर्ट ने ना’राजगी जा’हिर की है।
देवरिया थाना के सुहासी गांव में वर्ष 2001 में वि’वाहिता रंजू देवी की ह’त्या कर दी गई थी। मृ’तका के भाई साहेबगंज के धर्मपुर निवासी रविंदर गिरि के बयान पर 23 अगस्त 2001 को देवरिया थाने में ए’फआईआर द’र्ज की गई थी।
इसमें मृ’तका के पति मोहन गिरि, ससुर रामचंद्र गिरि, सास देवंती देवी व भिखारी मिश्र को आ’रोपित बनाया था। इसमें दहेज के रूप में बाइक की डि’मांड का आ’रोप लगाया था।
पुलिस ने आ’रोपित ससुर पर चा’र्जशीट दा’यर की थी। अन्य आ’रोपियों के खि’लाफ अबतक छा’नबीन जारी है।

