सीतामढ़ी। वैसे तो ज्यादातर सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति है। मगर एक ऐसा भी सरकारी स्कूल है जहां निजी स्कूल की तरह से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होती है। हां प्राथमिक विद्यालय भगवान, सिंहवाहिनी को देखकर लोगों की सोच बदल जाती है। यहां पर निजी स्कूल जैसे माहौल में बच्चे पढ़ाई करत है। यहीं नहीं यहां पर बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत होती है। प्रधानाध्यापक ने तीन साल के प्रयास में इस स्कूल की तस्वीर बदल दी है। यही कारण है कि पिछले दिनों ‘बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार’ के लिए इस स्कूल का चयन किया गया।
सोनबरसा प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर, सिंहवाहिनी में शिवशक्ति कुमार प्रेम वर्ष 2018 में प्रधानाध्यापक बने। उस समय कम ही बच्चे स्कूल आते थे। पढ़ाई का स्तर बहुत अच्छा नहीं था। उन्होंने ग्रामीणों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का निर्णय लिया। इसमें स्कूल के दो अन्य शिक्षकों ने भी साथ दिया। सभी क्षेत्र में घर-घर गए।
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढऩे लगी। आज 120 बच्चे यहां पढ़ते हैं। अभिभावकों को प्रेरित किया गया कि वे बच्चों को ड्रेस के साथ टाइ-बेल्ट, आइकार्ड, जूता-मोजा पहनाकर स्कूल भेजें। बच्चों को स्कूल बैग मुफ्त में दिया गया।
इसका असर है कि हर बच्चा इसी तरह आता है। टिफिन में खाना और बोतल में पानी के साथ बच्चे पहुंचने हैं। प्रधानाध्यापक बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाते हैं।
विषय के साथ पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर उनका खास फोकस होता है। शिक्षक संजीत कुमार गणित व शंभूलाल सहनी सामाजिक विज्ञान व ङ्क्षहदी विषय पढ़ाते हैं। हर महीने परीक्षा ली जाती है। बच्चों का रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों को भेजा जाता है। नवोदय, सैनिक स्कूल व सिमुलतला में प्रवेश के लिए तैयारी की शुरुआत भी की गई है।

