बिहार में कैंसर की रफ्तार डराने वाली है। वर्ष 2018 से 2022 में मुंह के कैंसर का आंकड़ा डराने वाला है। इस दौरान 16 लाख से अधिक लोगों को माउथ कैंसर ने जकड़ा है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में खतरा साल दर साल बढ़ा है। हालांकि महिलाओं में भी कैंसर के मामले बढ़े हैं, इसमें स्तन और गर्भाश्य का कैंसर प्रमुख है। पटना के महावीर कैंसर संस्थान के साथ इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों की संख्या में हर साल मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
पटना के महावीर कैंसर संस्थान में हर साल मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। पटना के पारस हॉस्पिटल में कैंसर के मरीज बढ़े तो समय से लीवर का कैंसर डिटेक्ट करने के लिए लीवर क्लीनिक तक बना दिया गया।

महावीर कैंसर संस्थान में हो रहे कैंसर को लेकर रिसर्च में पानी में आर्सेनिक के साथ मां के दूध में आर्सेनिक के मामले कैंसर का कारण बन रहे हैं। इसके साथ हवा में घुलता प्रदूषण का जहर भी लंग्स कैंसर का बड़ा कारण बन रहा है। कोरोना काल में संक्रमण से कमजोर हुए फेफड़े पर प्रदूषण के कारण कैंसर का खतरा बढ़ा है। गुटखा और खैनी के कारण कैंसर के मामले बढ़े हैं, सरकार ने पांबदी भी बढ़ाई लेकिन रोगियों की संख्या कम नहीं हुई।

बिहार सरकार कैंसर के मामलों को डिटेक्ट करने के लिए घर-घर स्क्रीनिंग करा रही है। इसके लिए आशा को लगाया गया है। कैंसर के प्रति जागरुकता के लिए 30 साल और उससे अधिक उम्र की के लोगों को कैंसर की स्क्रीनिंग कराने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

राज्य के 38 जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और उपस्वाथ्य केंद्र पर नि:शुल्क जांच की सुविधा के साथ कैंसर के मरीजों की स्क्रीनिंग से पहचान और इलाज की व्यवस्था को आसान बनाया जा रहा है। कैंसर की मुफ्त स्क्रीनिंग सभी 38 जिलों में कराई जा रही है। आशा घर – घर जाकर 30 साल से अधिक आयु के पुरुषों और महिलाओं को कैंसर के प्रति जागरूक करने के साथ जांच कराई जा रही है।

कैंसर को लेकर राज्य में लड़ाई चल रही है। नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हेल्थ सब सेंटर में कैंसर की स्क्रीनिंग कराने और समय से इलाज के लिए सरकार विशेष व्यवस्था की है।

एनपीसीडीसीएस ( नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिनवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर , डाइबीटिज , कार्डियोवास्कुलर एंड स्ट्रोक ) के तहत कैंसर की रोकथाम को लेकर कार्यक्रम चलाए जा रहें हैं। एनपीसीडीसीएस के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी का कहना है कि टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल, मुजफ्फरपुर के सहयोग से प्रदेश के सोलह जिलों में नि : शुल्क कैंसर स्क्रीनिंग अभियान चलाया जा रहा है।

पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग में समय – समय पर कराई जाने वाली जांच में कैंसर के संदिग्ध की पहचान होती है। कैंसर पर स्टडी करने वाले एक्शन कैंसर हॉस्पिटल नई दिल्ली के कैंसर विभाग के एचओडी डॉ जेबी शर्मा का कहना है गुटखा और तंबाकू माउथ कैंसर का कारण बन रहा है। बिहार में धूम्रपान की तुलना में तंबाकू का सेवन अधिक हो रहा है। मुंह के कैंसर के 90 प्रतिशत मामले ऐसे ही हैं जो तंबाकू के कारण बीमार हुए हैं। कैंसर के बढ़ते मामले खतरे की घंटी है। डॉक्टर जेबी शर्मा बताते हैं कि स्तन कैंसर के बढ़ते मामले कॉमन हो गए हैं, इसमें गांठ के कारण कैंसर बनता है। इसके लिए अगर महिलाएं जागरुक हो और गांठ दिखते ही मेमोग्राफी करा लें तो समय से इलाज आसान हो जाए।
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