पटना में निगरानी कोर्ट ने बुधवार को 25 साल पुराने एक मामले में बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सिंचाई विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता रामदत्त शर्मा की सं’पत्तियों को ज’ब्त करने का आदेश दिया है।

तत्कालीन कार्यपालक अभियंता के ऊपर आय से अधिक संपत्ति का केस है। यह मा’मला सालों से कोर्ट में चल रहा है। जिसमें सुनवाई करते हुए आज कोर्ट ने यह आदेश दिया। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो मुख्यालय ने इस बात की पुष्टि की है।

29 अक्टूबर 1996 को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने तत्कालीन कार्यपालक अभियंता रामदत्त शर्मा के खिलाफ सरकारी पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का FIR नंबर 34/1996 दर्ज किया था।

उस वक्त इनके ठिकानों पर छापेमारी भी हुई थी। उस वक्त शास्त्रीनगर थाना के तहत स्थित CDA कॉलनी में बने उनके घर को खंगाला गया था। तब काली कमाई के जरिए अर्जित की कई 7 लाख 37 हजार 284 रुपए की चल-अचल संपत्ति का पता चला था।

ठीक दो साल बाद इस केस में निगरानी की तरफ 19 नवंबर 1998 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया गया था।

तत्कालीन कार्यपालक अभियंता रामदत्त शर्मा ने खुद के और अपने रिश्तेदारों के नाम पर कई जगहों पर जमीन खरीद रखा था। उस वक्त जमीन के उन प्लॉट्स की कीमत लाखों थी, जो वर्तमान में करोड़ों की हो गई है।

जिन संपत्तियों को ज’ब्त किया जाएगा, उनमें बाढ़ के अच्छुआरा में 5 कट्ठा 4 धूर के कुल 4 प्लॉट, बाढ़ के ही अच्छुआरा में 2 डिसमील का एक प्लॉट, पटना के बेउर में श्रीकृष्ण बिहार सहकारी गृह निर्माण समिति के तहत 2800 स्क्वायर फीट का कुल 4 प्लॉट है।

इसके अलावा पटना के ही शेखपुरा में 3 कट्ठे का एक प्लॉट और फुलवारी शरीफ में 2722 स्क्वायर फीट की जमीन व उस पर बनी दो मंजिला बिल्डिंग शामिल है।