भागलपुर : गुरुवार की देर रात कवालीचक में हुए वि’स्फोट के बाद हुई तबाही का मं’जर देख अब भी लोगों के दि’ल द’हल उठते हैं। शुक्रवार की सुबह लोग उत्सुकतावश कवालीचक की ओर बढ़े चले जा रहे थे। रास्ते में पुलिस के जवान हर किसी को रोक रहे थे। कदम कदम पर ब’र्बादी के नि’शान दिखाई दे रहे थे।
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वि’स्फोट के कारण कई मकान जहां पूरी तरह से मलबे की ढेर में त’ब्दील हो गए थे, वहीं आसपास के मकानों के खि’ड़कियों के टूटे शीशे ब’र्बादी का द’स्तान बता रही थी। ब’र्बादी के नि’शान मिटाने के लिए जेसीबी के पहिये रात से ही लगातार चल रहे थे।

जैसे जैसे सुबह हो रही थी, वैसे वैसे राहत और बचाव कार्य में तेजी आ रही थी। प्रशासन ने राहत और ब’चाव कार्य के लिए पूरी ताकत झों’क रखी थी। घटना स्थल पर ज’ख्मी को अस्पताल पहुंचाने के लिए छह एंबुलेंस की व्य’वस्था की गई थी।

वहीं, मलवा हटाने के लिए चार हाइवा, तीन जे’सीबी, दो ट्रै’क्टर और ट्राली के साथ नगर निगम के सफाई कर्मियों की डयूटी लगाई गई थी। सूर्योदय की पहली किरण के साथ ही राहत और बचाव कार्य में और अधिक तेजी आने लगी थी। पुलिस पदाधिकारी और जवान आसपास ख’ड़े लोगों को बार-बार ह’ट जाने के लिए कह रहे थे।

इसको लेकर स्थानीय लोग नाराजगी का भी इजहार कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने कहा कि विपदा आई, तो हमलोग अलग कैसे हट जाएं। जैसे ही विस्फोट हुआ, आसपास के लोग दौड़ पड़े। अधिकारी के आने से पहले स्थानीय लोगों ने अपने स्तर से राहत और ब’चाव कार्य शुरू कर दिया।

ऐसे में अधिकारियों को स्थानीय लोगों को भगाना नहीं चाहिए, बल्कि राहत एवं बचाव कार्य में स्थानीय लोगों का सहयोग लेना चाहिए। पास ख’ड़े युवक रात से लेकर सुबह तक की कहानी सुना रहे थे।युवकों ने कहा कि रात के 11.45 बज रहे थे। अचानक से जो’रदार वि’स्फोट हुआ। इसके बाद ऐसा लगा जैसे भू’कंप आ गया हो। जब तक आसपास के लोग पहुंचे, तब तक सबकुछ बदल गया था। कई मकान जहां मलबे की ढेर में तब्दील हो गए थे, तो कई मकानों के शीशे टूट कर सड़क पर बिखडे पड़े थे। ईंट के टुकड़े 50 मीटर दूर तक बिखड़े पड़े थे। नाराजगी के बीच स्थानीय लोग रा’हत और बचाव कार्य में प्रशासनिक त’त्परता की ता’रीफ भी कर रहे थे।
