मुजफ्फरपुर। बेटियों को शिक्षित बना समाज के विकास में सहभागी होने के उद्देश्य से वर्ष 1936 में हाथी चौक के पास चैपमैन राजकीय बालिका उच्च विद्यालय की स्थापना की गई थी। यहां नामांकन पाने के लिए पांच से छह हजार छात्राएं आवेदन देती थी।
लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद महज 2,500 छात्राओं का दाखिला हो पाता था। उस समय छठी से दसवीं तक की पढ़ाई यहां होती थी। दो सत्रों में कक्षाएं चलती थीं। सुबह से शाम तक परिसर छात्राओं से गुलजार रहता था।
जिले के सुदूर क्षेत्र में रहने वाली छात्राएं भी यहां पढ़ना चाहती थी। यहां का शिक्षण माहौल इतना बेहतर था कि छात्राओं को कभी अलग से ट्यूशन नहीं पढ़ना पड़ता था। चार कक्षाओं के लिए शिक्षकों की संख्या 40 से अधिक थी।
लेकिन कभी छात्राओं की पहली पसंद रहे इस विद्यालय के अस्तित्व पर वर्तमान में संकट में आ गया है। स्कूल भवन इतना जर्जर हो गया हैं कि यह धराशायी होने की कगार पर है। यहां का परीक्षा परिणाम 70 से 75 प्रतिशत होता था।
समय के साथ इसमें निरंतर गिरावट आई है। पुराने शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के बाद कई विषयों में शिक्षक ही नहीं हैं। छात्राओं के लिए कंप्यूटर उपलब्ध नहीं हैं।


