बिहार के इन जिलों में नीतीश सरकार बनवा रही है जे’ल, जानें….

बिहार की जेलों में क्षमता से अधिक कै’दी बंद हैं।  31 दिसंबर 2021 तक राज्य की जेलों में कुल 51 हजार 934 बंदी थे, जबकि क्षमता 45 हजार 862 की है। यह जानकारी बिहार विधान परिषद में प्रभारी गृह मंत्री बिजेंद्र यादव ने दी।

supreme court guidelines on prisoners who completed half sentence and had  regret too will released from jail | सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, जेल की भीड़  कम करने के लिए रिहा किए जा

बिहार विधान परिषद में प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र यादव गुरुवार को संजय कुमार सिंह के प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अ’पराध कम करने के लिए का’र्रवाई का होना अनिवार्य है। कार्रवाई होती है इसीलिए बं’दियों की संख्या भी बढ़ती है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कोरोना म’हामारी के दौ’रान दो साल से कोर्ट भी पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहे थे। छोटे-छोटे मामले की सु’नवाई टल जा रही थी।

ऐसे में जमानत वाली अर्जियों पर भी सुनवाई कम हुई। नतीजा यह रहा कि ज’मानत पर छूटने वालों की संख्या कम हुई और इसका दबाव जेलों पर पड़ा। अब सरकार जेलों की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है।

विजेंद्र यादव ने कहा कि राज्य की जेलों में बंद 51 हजार 934 कै’दियों में 18 हजार 500 कैदी ऐसे हैं जिन्हें मद्य निषेध का’नून के तहत पकड़ा गया है। मंत्री ने कहा कि कैदियों को बेहतर तरीके से रखने के लिए भभुआ में 426 कै’दियों की क्षमता वाली और जमुई में 1030 क्षमता वाली जेल बनाई गई है। औरंगाबाद में भी एक नए जेल का निर्माण हुआ है। अरवल में 558 और पालीगंज में 535 कै’दियों की क्षमता वाली जेल का निर्माण चल रहा है।

प्रभारी गृह मंत्री ने बताया कि इसके अलावा निर्मली में 500 कैदियों की क्षमता की जेल के लिए जमीन मिल गई है। इसका ए’स्टीमेट बनाया जा रहा है। साथ ही नए अनुमंडल राजगीर, रजौली, मढौरा, महाराजगंज, हथुआ, चकिया, पकड़ी दयाल, महनार और सिमरी बख्तियारपुर में भी एक-एक हजार क्षमता की जेल बनाने का फैसला किया गया है। दरभंगा में बन रही जेल की क्षमता 772 कैदियों को रखने की होगी, जबकि छपरा में 132, सहरसा में 158 पुरुष और 50 महिला व बेनीपुर में 158 कै’दियों वाला नया बंदी कक्ष बनाने का फैसला किया गया है।

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