तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बड़ा हा’दसा हुआ है। यहां बुधवार तड़के एक कबाड़ के गोदाम में आग लगने से 11 प्रवासी कामगारों की झु’लस कर मौ’त हो गई है। जबकि एक समय रहते वहां से निकलने में कामयाब रहा जिससे उसकी जान बच गई। पुलिस और दमकल अधिकारियों ने बताया कि बिहार से संबंध रखने वाले ये सभी प्रवासी श्रमिक भोईगुड़ा इलाके में एक इमारत की पहली मंजिल पर मृ’त पाए गए।

उन्होंने बताया कि दमकल नियंत्रण कक्ष को तड़के लगभग तीन बजे फोन पर आग लगने की सूचना मिली जिसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे और करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा गया। उन्होंने बताया कि इमारत की पहली मंजिल पर सो रहे ये 11 लोग खुद को नहीं बचा सके क्योंकि वहां केवल एक ही सीढ़ी थी।

आग की लपटें इतनी ऊंची उठ रही थी कि वो गोदाम के ऊपरी मंजिल पर बने कमरे तक पहुंच गई जहां 12 प्रवासी कामगार सो रहे थे। इनमें से 11 की जल कर मौत हो गई और एक कामगार भाग कर अपनी जान बचाने में सफल रहा। आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बताई जा रही है।

मृतकों के नाम
सत्येंद्र- 38 वर्ष
पंकज- 26 वर्ष
गोलू कुमार- 28 वर्ष
दिनेश- 35 वर्ष
दुर्गा राम- 35 वर्ष
सिकंदर- 40 वर्ष
बिट्टु कुमार- 23 वर्ष
दीपक कुमार- 25 वर्ष
दामोदर- 27 वर्ष
चिंटू- 27 वर्ष
राकेश कुमार- 25 वर्ष

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इस हादसे पर अफसोस जताया है। उन्होंने मृ’तको के परिवार के लिए पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही अधिकारियों को मृ’तकों के श’व को उनके पै’तृक घर पहुंचाने के इंतजाम करने का भी आदेश दिया है।

वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हैदराबाद में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात कबाड़ गोदाम में लगी आग में राज्य के 11 प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि यह दुखद घटना है। मुझे जानकारी मिली है कि तेलंगाना सरकार ने प्रत्येक पी’ड़ित परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। हम अलग से उन्हें दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देंगे।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली में हमारे रेजीडेंट कमिश्नर को मृ’तकों के शवों को वापस लाने के लिए तेलंगाना के संपर्क में रहने को कहा गया है।