जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को एक के बाद एक दो झटके दिए हैं। जेडीयू पहले जहां नवादा से निर्दलीय एमएलसी अशोक यादव को अपने पाले में लेकर आयी। वहीं, उसने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजित सिंह को अपनी पार्टी में शामिल करा कर आरजेडी को दूसरा झटका दिया है।
मंगलवार को जेडीयू में शामिल होने के दौरान जगदानंद सिंह के बेटे ने आरजेडी पर तीखा हमला बोला। इस मौके पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी आरजेडी पर निशाना साधते हुए इशारों-इशारे में जगदानंद सिंह को जेडीयू में आने का ऑफर दिया।
दरअसल जगदानंद सिंह के बेटे अजित सिंह की ज्यादा पहचान नहीं है। लेकिन उन्हें जेडीयू में शामिल कराने के लिए ललन सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जेडीयू दफ्तर पहुंचे थे। इससे स्पष्ट हो जाता है कि जगदानंद सिंह के बेटे को जेडीयू में शामिल कराने के पीछे पार्टी मनोवैज्ञानिक रूप से आरजेडी को झटका देना चाहती है।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने अजित सिंह के जेडीयू में शामिल होने को महत्वपूर्ण बताते हुए आरजेडी पर करारा हमला बोला। लगे हाथों उन्होंने जगदानंद सिंह को जेडीयू में शामिल होने का ऑफर भी दिया। वहीं, जेडीयू में शामिल होने के लिए अजित सिंह अपने समर्थकों के साथ जब जेडीयू कार्यालय पहुंचे तो उनके चेहरे की चमक बता रही थी कि आरजेडी छोड़ कर जेडीयू में आना उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने आरजेडी को पैसे वाली पार्टी बताते हुए यहां अपने पिता सहित कई वरिष्ठ नेताओं को बेइज्जत किए जाने का आरोप लगाया। अजित सिंह ने आरजेडी पर सवर्ण विरोधी पार्टी होने का भी आरोप लगाया। जाहिर है अजित सिंह ने आरजेडी खास कर तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी।
लेकिन एक जो सबसे महत्वपूर्ण बात उन्होंने कही वो यह कि उसके पिता जगदानंद सिंह सहित कई वरिष्ठ नेताओं का आरजेडी में सम्मान नहीं हो रहा है। इसके पूर्व दिवंगत रघुवंश सिंह के बेटे भी जेडीयू में शामिल हो चुके हैं। अब जगदानंद सिंह के बेटे अजित सिंह का जेडीयू में शामिल होने को आरजेडी के लिए झटका माना जा रहा है।