बिहार का दक्षिणी-पश्चिमी इलाका गुरुवार को लू की गिरफ्त में रहा। वहीं, उत्तर बिहार में हिमालय की तलहटी वाले इलाके में ओलावृष्टि हुई। गुरुवार को बक्सर में अधिकतम तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो प्रदेश में पिछले 22 साल का अप्रैल का यह सर्वाधिक अधिकतम तापमान है। इससे पहले 1999 में 30 अप्रैल को गया में 46.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। अगले तीन दिन तक मौसम कमोबेश ऐसे ही रहेगा।

आइएमडी रिपोर्ट के मुताबिक बक्सर के बाद सर्वाधिक तापमान बांका में 42.9 औरंगाबाद में 42.5 गया में 42.4, सारण जीरादेई में 42, पश्चिमी चंपारण माधौपुर में 41.3 , पटना और नवादा में 41.2 नालंदा/हरनौत में 41, खगड़िया में 40.9, बेगूसराय में 40.8,सीतामढ़ी/पुपरी में 40.4, वैशाली और मोतिहारी में 40.5, जुमई में 40.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। शेष स्थानों पर उच्चतम तापमान 37 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है।
प्रदेश में सबसे कम उच्चतम तापमान फॉर्बिसगंज में 33.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। पटना सहित मध्य बिहार में तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक और दक्षिणी-पश्चिमी बिहार में सामान्य से छह डिग्री तक अधिक है। बिहार में सामान्य तौर पर सर्वाधिक उच्चतम तापमान गया में दर्ज किया जाता रहा है। पिछले सालों का अध्ययन करें तो 98 फीसदी बार सर्वाधिक उच्चतम तापमान गया में ही रहा। इस साल अप्रैल माह में रोजाना का सर्वाधिक अधिकतम तापमान बक्सर में दर्ज हो रहे हैं। अप्रैल में लगातार यहां पारा प्रदेश में सबसे अधिक 40 डिग्री से ऊपर चल रहा है।
बक्सर के बाद अधिकतम पार
बक्सर के बाद अधिकतम पारा बांका, औरंगाबाद और जीरादेई में भी दर्ज हुआ है। इसमें लू से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका दक्षिणी-पश्चिम बिहार का कोना है. यहां उच्चतम तापमान की वजह इस विशेष क्षेत्र में पछुआ का बहना है।

आंधी-पानी के लिए एलर्ट
हिमालय की तलहटी वाले में आंधी-पानी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल ,अररिया और किशनगंज में आंधी पानी की स्थिति रहेगी। आइएमडी ने मौसम पर निगाह रखने के लिए कहा है।आगामी तीन दिनों तक प्रदेश में मौसमी वर्तमान दशा बनी रहेगी। सर्वाधिक तापमान दक्षिणी-पश्चिमी इलाके में लू का क्षेत्र बना रहेगा. लोगों को मौसम की चेतावनियों पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा।
