बेतिया। सं’कटग्रस्त पक्षियों की सूची में शामिल होने के बाद पश्चिम चंपारण के वीटीआर इलाके सहित मधुबनी में गिद्धों के कुनबे पाए जा रहे हैं। वीटीआर में पिछले वर्ष भी करीब 150 की संख्या में गिद्ध पाए गए थे। हाल के दिनों में इनकी मौजूदगी जैव विविधता के मामले में अच्छा संकेत है।
इसे पर्यावरणविद सुखद स्थिति बता रहे हैं। एक सप्ताह पहले वीटीआर के आसपास के हरनाटांड़ के मटियरिया के सरेह में एक मरे हुए पशु को खाते हुए देखा गया है। हालांकि इस इलाके में गिद्धों की मौजूदगी की यह पहली घटना नहीं है।
पिछले वर्ष वीटीआर के मदनपुर, मंगुराहा, ठोरी तथा गोनौली के दो प्रक्षेत्रों में गिद्ध पाए गए थे। इसमें केवल गोनौली प्रक्षेत्र में 90 गिद्धों की मौजूदगी बताई गई थी। कुल मिलाकर यहां 150 गिद्ध पाए गए थे।
क्षेत्र निदेशक नेशामणि के के अनुसार इस क्षेत्र में लगातार दूसरे वर्ष गिद्धों की मौजूदगी जैव विविधता की ध्ष्टि से अ’छा संकेत है। गिद्ध को वातावरण के सफाईकर्मी के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह मरे हुए पशुओं को खाकर वातावरण को स्व’छ रखता है। हाल में बाघों की गणना के लिए लगाए गए ट्रैप कैमरा में भी गिद्ध की मौजूदगी परिलक्षित हुई है।

