हथौड़ी में सा’मूहिक दु’ष्कर्म की घ’टना में दो’षियों को सजा सुनाए जाने के बाद उनके स्वजन रो पड़े। मामला प्रकाश में आने के दूसरे दिन ही पुलिस ने सभी नामजद की गि’रफ्तारी कर ली थी। इसके बाद से अब तक सभी जेल में ही बं’द थे। स्थानीय कोर्ट से जमानत नहीं मिलने के बाद स्वजन हाईकोर्ट में गए। विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट से भी दो’षियों को जमानत नहीं मिली थी। इसके बाद स्पीडी ट्रायल चलाकर आ’रोपितों को सजा दिलवाई गई।

सामूहिक दुष्कर्म का मामला
हथौड़ी थाना क्षेत्र में करीब तीन साल पूर्व एक किशोरी (16) से हुए सामूहिक दुष्कर्म में विशेष पाक्सो कोर्ट ने चार दोषियों को 20-20 साल कारावास की सजा सुनाई। 50-50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार ने बताया कि मामले में पीडि़ता के स्वजन, चिकित्सक, जांच अधिकारी समेत आठ की गवाही पर एडीजे सात सह पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश रविशंकर कुमार ने सजा सुनाई।

दो साल नौ महीने में कोर्ट का आया निर्णय
घटना की प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस द्वारा जांच व साक्ष्य के आधार पर कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई। इसके बाद कोर्ट में इसकी सुनवाई चली। घटना के करीब दो साल नौ महीने बाद आरोपितों के सजा के बिंदु पर न्यायालय का निर्णय आया।

सजा सुनते ही रोने लगे स्वजन
सजा सुनाए जाने के बाद आरोपितों के स्वजन रोने लगे। दोषियों के घर की महिला सदस्य कोर्ट परिसर में चीत्कार मारकर रो रही थी। आरोपित पिंटू की मां उमेशिया देवी रोते हुए कहने लगी कि उनके बेटे को फंसाया गया है। स्वजनों की ओर से कहा गया कि स्थानीय कोर्ट के फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

कोर्ट परिसर में रही गहमागहमी
सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजा सुनाए जाने के बाद उनके स्वजनों में आक्रोश दिखा। पुलिसकर्मियों द्वारा हथकड़ी लगाकर सभी आरोपितों को जेल ले जाने के लिए हाजत की तरफ ले जाया गया। मीडियाकर्मियों द्वारा तस्वीर लेने पर स्वजनों द्वारा विरोध किया जाने लगा। महिलाएं उलझ गईं। इसके कारण वहां पर गहमागहमी की स्थिति बनी रही। स्थानीय लोगों व पुलिसकर्मियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
