विराट रामायण मंदिर का होगा निर्माण, खास होगा मंदिर, जानें विस्तार से…

मोतिहारी। विराट रामायण मंदिर का निर्माण अक्षय तृतीया पर शुरू होने जा रहा है। जिले के कल्याणपुर प्रखंड के कैथवलिया में 200 एकड़ में बनने वाले इस मंदिर पर करीब पांच सौ करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। मंदिर निर्माण का कार्य महावीर मंदिर न्यास, पटना की ओर कराया जाएगा।

200 एकड़ में 12 मंदिरों और चार आश्रमों का निर्माण होगा। मंदिर में रामदरबार और विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां होंगी। मंदिर परिसर में विशाल शिवलिंग भी स्थापित होगा। इसकी ऊंचाई और गोलाई 33-33 फीट होगी। शिवलिंग के लिए कन्याकुमारी से पत्थर खरीदा गया है।

 

शिवलिंग बनाने के लिए इसे महाबलीपुरम भेजा गया है। लोग छत पर चढ़कर जल चढ़ाएंगे। लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी। मंदिर परिसर में एक जलाशय का भी निर्माण होगा। इसकी लंबाई 800 और चौड़ाई 400 फीट होगी। इसे गंगासागर के नाम से जाना जाएगा। श्रद्धालु सारण जिले के सिताबदियारा के समीप सरयू व गंगा नदी के संगम से जल भरेंगे।

 

वहां से करीब 75 किलोमीटर की दूरी तय कर विराट रामायण मंदिर पहुंचेंगे और शिवलिंग पर जल चढ़ाएंगे। मंदिर निर्माण स्थल कैथवलिया विश्व प्रसिद्ध केसरिया बौद्ध स्तूप से करीब 10 किमी की दूरी पर है। खास बात यह है कि यहां से राम-जानकी पथ भी गुजरेगा। इसकी स्वीकृति केंद्र सरकार ने दे दी है। सर्वे कार्य प्रगति पर है। यह सड़क अयोध्या को जनकपुर से सीधे जोड़ेगी।

 

विशेष बात यह है कि महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर का स्वरूप टेंपल आफ टावर्स की तरह होगा। यह दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। ढाई साल में मंदिर के स्ट्रक्चर का काम पूर्ण करने की योजना है। मंदिर निर्माण के लिए जमीन दान देने वाले अथवा मूल्य के एवज में बिक्री करने वाले लोगों का नाम परिसर में कीर्ति स्तंभ पर लिखा जाएगा। भूकंप से इसको नुकसान न हो, इसके लिए सिस्मिक जोन पांच के हिसाब से इसे बनाया जाएगा। निर्माण इस तरह किया जाएगा ताकि 250 साल तक खड़ा रहे। तीर्थयात्रियों के लिए धर्मशाला का भी प्रबंध होगा।

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