पुलिस विभाग के लिए बहाल किए गए रसोइये व नाई सहित अन्य परिचारी साहबों के निजी काम में लगे रहतेे हैं। कई उनके घरों पर तैनात हैं। इससे पुलिस जवानों को भोजन से लेकर अन्य सुविधाओं के लिए बाहर से सेवा लेनी पड़ती है।

बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन की शिकायत पर राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस बारे में संज्ञान लिया है। पुलिस मुख्यालय, कार्मिक एवं कल्याण विभाग के डीआइजी ने राज्य के सभी वरीय पुलिस पदाधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। इसमें कहा गया है कि निजी लाभ के लिए परिचारियों की गलत तरीके से प्रतिनियुक्ति कर निर्देश की अवहेलना की गई है। इस संबंध में स्पष्ट रिपोर्ट शीघ्र भेजी जाए।

बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के महामंत्री रामविलास पासवान ने मुख्यालय को पत्र भेजा था। इसमें कहा था कि विभिन्न सशस्त्र वाहिनियों एवं पुलिस केंद्र में पुलिस बल के हिसाब से रसोइये, नाई सहित अन्य की नियुक्ति होती है, मगर उनकी सेवा नहीं मिल पाती।

ऐसा इसलिए कि अनुचरों की अवैध रूप से पदाधिकारियों के आवास पर प्रतिनियुक्ति कर दी जाती है। यह वित्तीय अनियमितता भी है। दूसरी ओर पुलिस केंद्र के जवान और हवलदार अपने वेतन से भोजन आदि की व्यवस्था करते हैं। कई पुलिसकर्मियों को छापेमारी से लौटने के बाद खाना बनाना पड़ता है। इससे वे आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडऩा झेल रहे।
परिचारियों की इस तरह प्रतिनियुक्ति
- -पुलिस मेंस एसोसिएशन के पत्र के अनुसार एसएसपी मुजफ्फरपुर के आवासीय एवं निजी कार्य में आठ अनुचरों की प्रतिनियुक्ति है।
- -डीआइजी, विशेष सशस्त्र पुलिस, केंद्रीय मंडल पटना के कार्यालय कार्य के लिए 20 परिचारियों की तैनाती की गई थी। बाद में सभी को पैतृक वाहिनी में वापस करने का आदेश जारी किया गया था। ये सभी आवासीय एवं निजी कार्य के लिए रखे गए थे।
- -डीआइजी, विशेष सशस्त्र पुलिस-2 डिहरी प्रशिक्षण केंद्र के दो मेस में कार्यरत पांच रसोइये में एक की ही सेवा उपलब्ध है।
- -डीआइजी, विशेष सशस्त्र पुलिस-3 बोधगया प्रशिक्षण केंद्र के तीन मेस में कार्यरत छह रसोइये में दो की ही सेवा वहां है।
- -डीआइजी, विशेष सशस्त्र पुलिस-16 पटना प्रशिक्षण केंद्र के तीन मेस में कार्यरत नौ रसोइये में तीन की ही सेवा।
