पटना : जून-जुलाई में उत्तर बिहार में करीब डेढ़ दर्जन जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अभी से अपनी तैयारियों को अंजाम देने में जुट गया है।
विभाग ने बाढ़ के दौरान बीमारी-महामारी से निपटने में गांव के चौकीदार से लेकर पंचायत सेवक तक से मदद लेने का फैसला किया है। पंचायत सेवक, चौकीदार अपने ऊपर के अधिकारी तक बीमारी की सूचना पहुंचाने की भूमिका में होंगे।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बाढ़ पूर्व तैयारियों का आकलन करने के लिए विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान फैलने वाली बीमारी से बचाव, दवाओं की उपलब्धता, मरीजों के लिए अस्थायी अस्पतालों की व्यवस्था करने के साथ ही बीमारी-महामारी से निपटने के उपायों पर चर्चा हुई।
बैठक में जिलाधिकारियों व सभी सिविल सर्जनों को कई निर्देश दिए गए। अमृत ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल जनित रोग की आशंका हमेशा बनी रहती है।
डायरिया भी काफी फैलता है। डायरिया के मरीजों को सही समय पर इलाज न मिले तो उसकी स्थिति बिगड़ सकती है। जान तक जाने की आशंका रहती है।
