मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के तीन दर्जन अंगीभूत व संबद्ध कालेजों में नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी) कोर्स के नाम पर अभ्यर्थियों से करोड़ों रुपये की ठ’गी कर ली गई है। अकेले आरएलएसवाई कालेज, बेतिया के नाम पर तत्कालीन प्राचार्य ने 2.87 करोड़ रुपये की वसूली कर ली। इसके बाद वे सेवानिवृत हो गए।
जब अभ्यर्थी कक्षा में शामिल होने के लिए कालेज पहुंचे तो वर्तमान प्राचार्य को इसकी कोई जानकारी ही नहीं थी। उन्होंने विश्वविद्यालय से इसकी शिकायत की है। कहा कि उन्होंने पूर्व प्राचार्य से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि कालेज में नहीं उन्होंने निजी स्तर पर अभ्यर्थियों का नामांकन लिया है।
वहीं वर्तमान प्राचार्य डा. अभय सिंह ने कहा कि नामांकन में कालेज के बैनर का उपयोग किया गया है। इस कारण अभ्यर्थी बार-बार यहां पहुंच जाते हैं। प्राचार्य ने कहा कि इस कोर्स से संबंधित कागजात भी पूर्व प्राचार्य अपने साथ लेते गए।
इसकी सूचना मिलने पर कुलानुशासक डा. अजीत कुमार ने विश्वविद्यालय के सभी कालेजों को पत्र भेजकर एनटीटी कोर्स के संचालन की जानकारी मांगी। इसमें 11 कालेजों ने ही कोर्स संचालन की बात स्वीकार की है।
विश्वविद्यालय ने अपने स्तर से जांच कराई तो पता चला है कि करीब तीन दर्जन कालेजों में एनटीटी कोर्स चल रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से बिना अनुमति लिए कालेजों को किसी प्रकार के कोर्स के संचालन की अनुमति नहीं है।

