मुजफ्फरपुर। नगर निगम आयुक्त के रवैये से तं’ग आकर मेयर राकेश कुमार ने स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे नगर निगम में हड़कंप है। नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को भेजे इस्तीफा में मेयर राकेश कुमार का कहना है कि स्मार्ट सिटी मिशन की योजनाओं को पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई थी, लेकिन अधिकतर योजनाएं इस मानक पर खड़ी नहीं उतरी।
इस योजना की समय सीमा समाप्त होने के बावजूद कई काम अब शुरू हो रहा है। समय पर योजनाओं को पूरा करने में जहां कार्य कर रही एजेंसियां विफल साबित हुई, वहीं स्मार्ट सिटी कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड की कार्यप्रणाली कठघरे में है। योजनाएं पूर्ण नहीं होने से शहरवासियों को परेशानी हो रही है।
बैरिया पीक से स्टेशन रोड हुए धर्मशाला चौक तक स्पाइनल रोड, धर्मशाला चौक से सरैयागंज टावर होते हुए अखाड़ाघाट पुल तक पेरीफरल रोड व हरिसभा चौक से कल्याणी होते हुए नगर थाना तक स्मार्ट रोड के निर्माण का समयसीमा फरवरी में ही बीत चुका है, लेकिन काम अधूरा है।
निर्माण के नाम पर पूरे शहर को छह माह पूर्व सारे एरिया में जगह-जगह गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। इससे दुर्घटनाएं हो रही है। बेवजह पूरे शहर में गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। निर्माण एजेंसी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से चेक काटने एवं बिना काम किए विकास दिखलाने के लिए शहर को बर्बाद करके छोड़ दिया गया है।
स्थानीय वार्ड पार्षद के द्वारा तिलक मैदान रोड में औचक निरीक्षण के क्रम में पाया कि नाले का डीप 14-16 इंच एवं टॉप स्लैब 3-4 इंच ही डाला गया है। जिससे नाले का बहाव नहीं हो सकता है तथा वाहन नाले पर चलने पर नाला धंस सकता है।जिसका स्थानीय नागरिकों के द्वारा विरोध करने पर उक्त स्थलों में खोदे गये अधिकतर भागों को छोड़कर दो माह से इस रेडियस से आगे कार्य आरंभ कर दिया है। चारों तरफ नाले में बांध घेरकर नाले का पानी सड़क पर बहाया जा रहा है। आम नागरिक को जलजमाव में चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। जगह-जगह पाईप लाईन क्षतिग्रस्त कर देने से भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से आम नागरिक परेशान है। जिसके कारण वार्ड पार्षद जनता के कोपभाजक बन रहे है। कोई भी व्यक्ति सुनने वाला नहीं है।
