मुजफ्फरपुर। केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाकर पेट्रोल और डीजल की कीमत कम करने की बड़ी पहल की है। अब लोगों की उम्मीद राज्य सरकार से है कि वह भी अपने हिस्से का वैट कम कर महंगाई की मार से बचाएं। बताते चलें कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल के दाम को कम करने लिए सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है। इससे पेट्रोल आठ रुपये और डीजल सात रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है। विभिन्न व्यावसायिक संगठन की ओर से अब राज्य सरकार पर दबाव दिया जा रहा है।
बिहार राज्य मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद ङ्क्षसह ने कहा है कि सिर्फ केंद्र सरकार के आगे आने से काम नहीं चलेगा। राज्य सरकार भी आगे आकर पेट्रोल व डीजल पर वैट दस से 12 रुपये कम करें, तभी बात बनेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न टैक्स की तुलना के बाद सरकारी बस का किराया निजी बस से अधिक दिखेगा। ऐसे में बस एवं ट्रक का भाड़ा तुरंत कम करने की बात बेमानी होगी।
राज्य में एक लाख से अधिक बस एवं ट्रक है। पेट्रोल एवं डीजल की कीमत में वृद्धि से मालिकों को भारी नुकसान हो रहा। अब राज्य सरकार को भी डीजल की कीमत कम करने के साथ अन्य टैक्स में कमी करनी चाहिए।
नार्थ बिहार चैंबर आफ कामर्स के महामंत्री सज्जन शर्मा ने कहा है कि पेट्रोल एवं डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी कम कर जनहित में केंद्र सरकार का कदम सराहनीय है। इसी तरह राज्य सरकार को भी राज्य के नागरिकों की मदद को आगे आना चाहिए। राज्य सरकार भी पेट्रोल-डीजल पर वैट को कम कर यह राहत दे सकती है।
उत्तर बिहार उद्यमी संघ के अध्यक्ष नीलकमल ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थ की कीमत में कमी से लाभ मिलेगा। उद्यमियों को इससे आंशिक लाभ मिला। केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार को भी अपने स्तर से कमी लानी चाहिए। पेट्रोलियम से ज्यादा ऊर्जा की खपत उद्योग में हो रही है। सरकार बिजली चार्ज में कमी कर दे। अभी बिजली का दर दूसरे राज्य से यहां पर ज्यादा है।
