कोरोना काल में मासूमों का टीका रिकॉर्ड बनाने वाला है। लॉकडाउन के दौरान जिस तरह मासूमों का वैक्सीनेशन प्रभावित हुआ था, उतना ही तेजी से अब टीकाकरण बढ़ा है। सरकार ने मिशन इंद्रधनुष के दौरान 8 लाख 73 हजार 830 बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कराया गया है जबकि 8 लाख 39 हजार 562 बच्चों को फुल वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है। कोरोना के बाद बिहार के लिए यह बड़ी बात है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस बार लक्ष्य से ज्यादा बच्चों और गर्भवती महिलाओं का हुआ वैक्सीनेशन हुआ है।

इंद्र धनुष के रंग से बच्चों की सुरक्षा
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में इस वर्ष चलाए गए सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के 3 चक्रों में लक्ष्य से ज्यादा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को टीकाकृत करने में बड़ी सफलता मिली है। लक्ष्य से ज्यादा लाभार्थियों का टीकाकरण यह दर्शाता है कि विभाग के साथ अब लोग भी अवेयर हो रहे हैं। समाज में लोग पूर्ण टीकाकरण को लेकर संवेदनशील है। शत-प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण के माध्यम से शिशुओं एवं गर्भवती महिलाओं में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ी है।

ऐसे बढ़ा बिहार में वैक्सीनेशन
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का कहना है कि बिहार में पूर्ण टीकाकरण को एक अभियान के तरह चलाया जा रहा है। इस अभियान को रफ्तार देने के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत राज्य में 8 लाख 73 हजार 830 बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया गया, जबकि 8 लाख 39 हजार 562 बच्चों को टीकाकृत करने का लक्ष्य रखा गया था।

इस अभियान के तहत पूरे राज्य में एक लाख 67 हजार 911 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। जबकि एक लाख 47 हजार 904 गर्भवती महिलाओं को ही टीकाकृत करने का लक्ष्य निर्धारित था। इस तरह लक्ष्य से ज्यादा बच्चों और महिलाओं को सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत वैक्सीनेट किया गया।

72 हजार सेशन में बड़ा वैक्सीनेशन
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस अभियान को तीन चक्रों में चलाया गया। इसमें 7 से 13 मार्च तक पहला चक्र चलाया गया। दूसरा चक्र 4 से 10 अप्रैल तक चलाया गया और तीसरा चक्र 2 मई से 13 मई तक चलाया गया। इसमें सभी चक्रों में लक्ष्य से ज्यादा बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। तीनों चक्रों के दौरान कुल 71 हजार 823 टीकाकरण सत्रों पर बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को वैक्सीनेट करने की योजना थी, जिसमें इस दौरान कुल 72 हजार 72 टीकाकरण सत्रों का आयोजन किया गया है।