बिहार के गया का एक युवक रूस में डॉक्टरी की पढ़ाई करने गया था जहां उसकी मौत हो गई। मौत के बाद से उसके शव के लाए जाने की आस उसके परिजनों की अब तक नहीं पूरी हो सकी है। हालांकि मृतक का परिजन अपने बेटे के शव को लाने के लिए लगातार गया जिला प्रशासन से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगा रहे हैं पर उनकी सुनवाई अब तक कहीं नहीं हो सकी है।

यही नहीं उन्हें अब तक किसी भी स्तर से कोई ठोस भरोसा भी नहीं दिया गया है कि उनके बेटे का शव कब तक इंडिया लाया जाएगा। यह हाल तब है जब रूस व भारत के बीच बेहतर संबंध का डंका पीटा जाता रहा है। बावजूद इसके मृतक का शव दस दिनों से रूस में पड़ा है। मृतक खिजरसराय के लोदीपुर गांव का रहने वाला था। वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता था।

मृतक सोनू डॉक्टरी पढ़ाई रसिया से करने को गया था। उसका यह अंतिम वर्ष चल रहा था। इसके बाद वह इंडिया वापस आने वाला था। सोनू के भाई चंदन कुमार का कहना है कि सोनू जिस कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। उस कॉलेज दूसरे छात्रों द्वारा सोनू की मौत की सूचना दी गई थी।

इस पर कॉलेज प्रबंधन से बातचीत की गई तो प्रबंधन ने मौत होने की पुष्टि की। बताया गया है कि कॉलेज की बिल्डिंग से गिरने की वजह से सोनू की मौत हुई है। इस सूचना के बाद से कॉलेज प्रबंधन इस मसले पर कोई बात करने को तैयार नहीं है। न ही सोनू के साथियों को बातचीत करने की अनुमति दी गई है।

चंदन ने बताया कि इस घटना की सूचना पर रसिया स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क साधा गया लेकिन उसने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि साेनू के शव को भारत ले जाने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है। वहीं दूसरी ओर बीमा कंपनी इसे अंतरराष्ट्रीय मसला बता रही है।

मृतक के पिता अशोक शर्मा ने जिला प्रशासन व विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा है लेकिन कहीं से उन्हें अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिल सका है। ऐसे में मृतक का परिवार दिन प्रति अपने मृत बेटे का मुंह देखने के लिए तड़प रहा है।