मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार के जो लोग बाहर में रहते हैं, उनकी भी गणना की जाएगी। उनके बारे में भी पूरी जानकारी ली जाएगी। सीएम नीतीश ने कहा कि जाति आधारित गणना सभी को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।

सबके विकास के लिए किया जा रहा है। किसी की भी उपेक्षा नहीं होगी। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद सीएम नीतीश पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य में संबंधित मामलों के जानकार रिटायर्ड कर्मियों को भी लगाया जाएगा।

जनसंख्या नियंत्रण कानून के संबंध में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि किसी भी चीज का सिर्फ कानून और नियम बना देने से हल नहीं निकलता। ऐसा काम होना चाहिए कि लोगों का स्वभाव ही उस तरह का बन जाए।

जनसंख्या नियंत्रण को भी ध्यान में रखते हुए हमलोगों ने लड़कियों की उच्च शिक्षा पर विशेष जोर दिया है, जिसके अच्छे परिणाम आये हैं। आने वाले पांच-छह सालों में बिहार का प्रजनन दर दो पर आने की उम्मीद है।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में अधिसंख्य मामले भूमि विवाद से जुड़े हुए थे। जमीन पर अवैध कब्जा और गलत ढंग से जमीन के रजिस्ट्रेशन की शिकायतें आई। मुख्यमंत्री ने तत्काल फरियादियों की समस्या का निदान का निर्देश पदाधिकारियों को दिया।