मुजफ्फरपुर : नगर निगम की ओर ट्रेड लाइसेंस, यूजर चार्ज व जल कर वसूलने के खिलाफ जन विकास मोर्चा के सदस्यों ने अनिश्तिकालीन अनशन शुरू किया। इस दौरान मोर्चा के सदस्यों ने समाहरणालय में धरना देकर नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर मोर्चा खोल दिया।

मोर्चा के सदस्यों ने तीनों काला कानून को तुरंत वापस लेने की मांग की। वहीं डीएम के नाम ज्ञापन देकर सभी चार्ज को समाप्त करने की मांग की है। इसमें स्पष्ट है कि मुजफ्फरपुर नगर निगम द्वारा आम नागरिकों, व्यवसायियों से ट्रेड लाइसेंस, यूजर चार्ज व जल कर जबरदस्ती वसूला जा रहा है।
नगर निगम की मनमानी से छोटे व्यवसायियों, उद्यमी, चाय, नाश्ता, पान, किराना आदि के दुकानदारों पर ट्रेड लाइसेंस, यूजर चार्ज व पानी टैक्स थोपना आर्थिक और मानसिक शोषण है। जबकि सेवा एवं वस्तु कर (जीएसटी) लागू होने के समय केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा कहा गया था कि एक राष्ट्र एक कर का प्रावधान होगा, जबकि ऐसी कोई सामान नहीं है, जिस पर जीएसटी की वसूली नहीं हो रही है।
वहीं ट्रेड लाइसेंस के नाम पर वसूली के लिए दुकान को सील करना असंवैधानिक है। क्योंकि सभी वस्तुत पर प्रत्यक्ष व अप्रयक्ष रूप से जीएसटी की वसूली हो रही है। ऐसे में व्यवसाय सील करने से उसके द्वारा राज्य एवं केंद्र सरकार को जीएसटी देने से रोका जा रहा है, जो लाइसेंस के अनुपात में काफी अधिक है।
निगम द्वारा विद्युत संबंध होने के आधार पर ट्रेड लाइसेंस की मांग की जा रही है, जबकि बहुत सारे आवासीय भवनों में व्यवसायिक विद्युत संबंध है और कभी भी किसी भी प्रकार का व्यवसाय नहीं हुआ। ऐसे में ट्रेड लाइसेंस मांगना सही नहीं है। डीएम को दिए गए पत्र में कहा गया है कि ट्रेड लाइसेंस के विरूद्ध निगम किसी भी प्रकार की सेवा नहीं देता है तो ट्रेड लाइसेंस का औचित्य क्या है। वहीं बिना शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराए पानी टैक्स की मांग करना व बिना समुचित सफाई व्यवस्था किए यूजर चार्ज मांगना भी अनुचित है। निगम छोटे व बड़े व्यापारी से 25 सौ ट्रेड कर के रूप में वसूल कर रही है। पिछले दो वर्षो से छोटे व्यवसायी, दुकानदार, उद्यमी कोरोना महामारी के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे है। वहीं निगम की ओर से व्यवसाय कर मांगा जा रहा है। जो किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता।
